RAIPUR. छत्तीसगढ़ का सबसे बड़े विश्वविद्यालय में अगले सत्र से कई कोर्स शुरू होने जा रही है। दरअसल, पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय अध्ययनशाला में कामर्स और फोरेंसिक साइंस का डिपार्टमेंट शुरू होगा। इस बीच, अब एमए संस्कृत की भी तैयारी। छत्तीसगढ़ में पहली बार जब रविवि के यूनिवर्सिटी टीचिंग डिपार्टमेंट (UTD) में संस्कृत की पढ़ाई होगी।
राजधानी में स्थित संस्कृत महाविद्यालय में ही अभी संस्कृत की पढ़ाई हो रही है। इसके अलावा रविवि से संबद्ध एक अन्य कॉलेज भी संस्कृत नहीं है। अब इसे यूटीडी में शुरू किया जाएगा। भाषा व साहित्य अध्ययनशाला के अंतर्गत इस कोर्स के लिए प्रस्ताव बनाया गया है।
इसी तरह एमए सिंधी कोर्स को लेकर भी प्रस्ताव है। कार्यपरिषद से मंजूरी मिलने के बाद इसे शासन को भेजा जा रहा है। जानकारों का कहना है कि वहां से अनुमति मिलने के बाद अगले सत्र से संस्कृत और सिंधी में भी एमए की पढ़ाई होने लगेगी। सिंधी भाषा की पढ़ाई भी इसी अध्ययनशाला में होगी।
हालांकि, एमए संस्कृत व सिंधी भाषा में पीजी को लेकर छात्रों का रुझान कैसा होगा, यह कहना मुश्किल है। इस अध्ययनशाला में अभी एमए छत्तीसगढ़ी की पढ़ाई भी हो रही है। शुरुआती वर्षों में छात्रों की अच्छी दिलचस्पी रही। लेकिन बाद में वर्षों में रूझान कम हुआ।
स्कूलों में छत्तीसगढ़ी शिक्षकों की नियुक्ति की योजना है, इसलिए आगामी सत्र में इसमें प्रवेश के लिए मारामारी होने की संभावना है। रविवि अध्ययनशाला में एमकॉम, एमए होटल मैनेजेंट, फोरेंसिक साइंस में प्रवेश अगले सत्र से होगा। एमकॉम में 40-50 सीटों से प्रवेश दिए जा सकते हैं। इसकी पढ़ाई आर्ट्स ब्लाक में होने की संभावना है।
इसी तरह फोरेंसिक साइंस में 30-30 और एमए होटल मैनेजमेंट की शुरुआत भी 30 सीटों से हो सकती है। होटल मैनेजमेंट की क्लास एमबीए बिल्डिंग में लगेगी। उधर, पॉलिटिकल साइंस का विभाग शुरू करने के लिए रविवि से शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। इसकी अनुमति मिलने की भी संभावना है।