BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के जस्टिस अरविंद चंदेल का तबादला हाईकोर्ट पटना में करने का प्रस्ताव है। सुप्रीम कोर्ट के कालेजियम ने उनके मनमुताबिक ट्रांसफर करने के आग्रह को अस्वीकार कर दिया और मद्रास हाईकोर्ट के बजाय पटना भेजन के लिए सहमति दे दी है। इसके लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। केन्द्र सरकार के आदेश जारी होने के बाद उन्हें रिलीव किया जाएगा।
बता दें, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डाक्टर डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में गठित 5 वरिष्ठ जजों की कालेजियम ने जस्टिस अरविंद चंदेल का तबादला करने के लिए उनसे सहमति मांगी थी। जिसके बाद चीफ जस्टिस चंद्रचूर्ण, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस अनिरूद्ध बोस ने पहले मद्रास हाईकोर्ट तबादला करने का प्रस्ताव किया था।
नहीं स्वीकार किया जस्टिस का आग्रह
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल का तबादला करने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजने के पहले कालेजियम ने जस्टिस चंदेल से सहमति मांगी थी। उन्होंने मध्यप्रदेश, राजस्थान, इलाहबाद, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली हाईकोर्ट में करने का आग्रह किया था।
इसे कालेजियम ने स्वीकार नहीं किया। कालेजियम ने पहले उन्हें मद्रास हाईकोर्ट भेजने का प्रस्ताव तैयार किया था। उनके आग्रह के बाद कालेजियम ने विकल्पों पर तबादला करने के बजाए उनकी परेशानियों को देखते हुए थोड़ी राहत दी और मद्रास हाईकोर्ट की जगह पटना हाईकोर्ट तबादला करने का फैसला लिया।
2017 में नियुक्त हुए थे जस्टिस अरविंद
जस्टिस अरविंद चंदेल का जन्म 1 सितंबर 1963 को बिलासपुर में हुआ है। उन्होंने पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से बीए करने के बाद गुरुघासीदास विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री ली है।
अविभाजित मध्यप्रदेश में इन्होंने सिविल जज क्लास 2 के रूप में 26 अगस्त 1987 को न्यायिक सेवा की शुरुआत की। इसके बाद उनका प्रमोशन हुआ और वे कबीरधाम में जिला एवं सत्र न्यायाधीश बने।
इसके बाद राज्य परिवहन ट्रिब्यूनल के साथ ही हाईकोर्ट में एडिशनल रजिस्ट्रार प्रशासनिक, रजिस्ट्रार विजिलेंस, रजिस्ट्रार जनरल जैसे पदों पर रहे। 27 जून 2017 को उन्हें हाईकोर्ट में अस्थायी जज बनाया गया। फिर दो साल बाद 2019 में हाईकोर्ट के स्थायी जज बने।