BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का एक अहम फैसला आया है। जस्टिस संजय के. अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) के तहत आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) को छूट देने के नियम को गलत ठहराया है। बेंच ने 7 मार्च 2024 को दिए गए एक अहम आदेश में वर्ष 2006 में जारी अधिसूचना को गलत ठहराते हुए सामान्य प्रशासन विभाग को स्पष्टीकरण के साथ तीन सप्ताह में नई अधिसूचना जारी करने के निर्देश दिए हैं।
इसके साथ ही याचिका मंजूर करते हुए ईओडब्ल्यू में दर्ज मामलों की जानकारी मांगते हुए लगाई गई अर्जी पर चार सप्ताह के भीतर निर्णय लेने कहा है।जानकारी के अनुसार चिरमिरी के आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने ईओडब्ल्यू से सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के प्रावधानों के अनुसार भ्रष्टाचार के मामले में दर्ज लंबित मामलों की जानकारी मांगी थी। उनका आवेदन वर्ष 2016 में यह कहते हुए नामंजूर कर दिया गया कि एसीबी को आरटीआई एक्ट के तहत जानकारी देने से छूट दी गई है।
इसके खिलाफ वर्ष 2017 में हाई कोर्ट में मिश्रा ने याचिका लगाई थी। इसमें उन्होंने अपने केस की पैरवी खुद की। मामले पर नोटिस जारी करने के बाद राज्य शासन का जवाब आने के बाद जस्टिस संजय जायसवाल की बेंच में सुनवाई हुई। 8 फरवरी 2024 को सुनवाई पूरी होने के बाद हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। 7 मार्च 2024 को फैसला जारी किया गया है।
गौरतलब हे कि हाई कोर्ट ने इससे पहले एक अन्य मामले में 19 अक्टूबर 2023 को दिए गए फैसले में एंटी करप्शन ब्यूरो को भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारियों की जानकारी देने से छूट देने को आरटीआई एक्ट के उद्देश्यों के विपरीत बताया था।