HYDARABAD/RAIPUR. छत्तीसगढ़ से बिजली खरीदी करने पर तेलंगाना में विवाद चल रहा है। दरअसल, तेलंगाना में छत्तीसगढ़ से खरीदी गई बिजली की जांच होगी।तेलंगाना CM रेवंत रेड्डी कैबिनेट ने TRS सरकार के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ से बिजली खरीदी पर न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है।
हैदराबाद में हुई बैठक में कैबिनेट ने रिटायर्ड हाईकोर्ट जज एल नरसिंह रेड्डी की अध्यक्षता में जांच आयोग के गठन की मंजूरी दी। तेलंगाना में सरकार बनने के बाद रेड्डी सरकार ने एक हजार मेगावाट पीपीए पर श्वेत पत्र जारी किया था। तेलंगाना के मंत्री ने बैठक के बाद मीडिया से कहा कि TRS सरकार ने दूसरे राज्य को बेचकर कमीशन खाया है। जांच में इसे भी शामिल किया जाएगा।
बता दें कि जस्टिस रेड्डी आयोग जांच के दौरान छत्तीसगढ़ विद्युत कंपनी के अधिकारियों को भी तलब करेगा। दूसरी ओर, तेलंगाना को इस खरीदी के बदले छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड को 36 सौ करोड़ बकाया देना था।
इसमें से अब तक हर माह 70 करोड़ की किस्त के रूप में 500 करोड़ से अधिक दे चुका है। तेलंगाना ने 2100 करोड़ रुपए देना स्वीकार किया है। इसे वह किस्तों में देने के लिए तैयार हो गया है। यह राशि 40 किस्तों में तेलंगाना द्वारा छत्तीसगढ़ को दी जा रही है।
गौरतबल है कि छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिसटीब्यूशन कंपनी लिमिटेड को 36 सौ करोड़ बकाया देना था। इसमें से अब तक हर माह 70 करोड़ के किश्त के रूप में 500 करोड़ से अधिक दे चुका है।
यह रकम केंद्र सरकार ने एक लेट पेमेंट सर्विसेज रूल के तहत तेलंगाना ने 2100 करोड़ रुपए देना स्वीकार किया है। इसे वह किस्तों में देने के लिए तैयार हो गया है. यह राशि 40 किस्तों में तेलंगाना के द्वारा छत्तीसगढ़ को दी जा रही है।