ISRAEL. 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमास के आतंकियों ने हमला किया था। इसके बाद इजराइल और हमास के बीच जंग शुरू हो गई थी। इस जंग के शुरू होने से पहले इजराइल और सऊदी अरब के बीच एक समझौता हो रहा था। इस समझौते के तहत इजराइल को अरब देश मान्यता देने वाला था लेकिन जंग शुरू होने के बाद हालात बदल चुके है। सऊदी अरब ने कहा है कि जब तक फिलिस्तीन स्वतंत्र राज्य नहीं बन जाता, तब तक सऊदी और इजराइल के बीच कोई राजनयिक संबंध स्थापित नहीं करेगा।
बता दें, बुधवार को सऊदी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि जब तक फिलिस्तीनियों को उनके अधिकार नहीं मिल जाते वो इजराइल के संबंध नहीं रखेगा। इससे पहले व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जाॅन किर्बीं ने कहा था कि बाइडेन प्रशासन ने उत्साहनक रिपोर्ट सुनी हैं कि इजराइल और सऊदी अरब सामान्यीकरण वर्ता जारी रखने के लिए तैयार है। किर्बी के बयान के कुछ घंटे के बाद सऊदी के विदेश मंत्रालय ने कहा, अरब इजराइल शांति प्रक्रिया पर सऊदी और अमेरिका के बीच चर्चा के संबंध में अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता को जो बताया गया है उस पर हम स्थिति साफ करना चाहते है।
अमेरिका को बताया सऊदी ने
सऊदी विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने अमेरिका को बता दिया है कि हम इजराइल के साथ तब तक राजनयिक संबंध नहीं शुरू करेंगे जब तक वो गाजा में हो रहे हमले रोक नहीं देता। फिलिस्तीनी मुद्दें पर सऊदी अरब की स्थिति हमेशा दृढ़ रही है। हम जोर देकर कहना चाहते हैं कि फिलिस्तीनी लोगों को स्वतंत्र देश का उनका वाजिब हक मिलना चाहिए।
स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य को राजधानी के रूप में मान्यता
ठजराइल के साथ कोई राजनयिक संबंध तब तक नहीं होंगे जब तक कि 1967 की समीा पर पूर्वी मरूशलम के साथ एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य को इसकी राजधानी के रूप में मान्यता नहीं दी जाती है। इजराइल और सऊदी अरब के संबंधों को औपचारिक रूप से मजबूत करने का विचार तब से चर्चा मे है। जब से सऊदी ने 2020 में खाड़ी पड़ोसिायों संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन को इजराइल के साथ संबंध स्थापित करने के लिए अपनी शांत सहमति दे दी थी।