NEW DELHI. एक बार किसान आंदोलन के लिए सड़क में उतरने जा रहे हैं। किसानों के दिल्ली कूच से एक दिन पहले चंडीगढ़ में किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के बीच सोमवार शाम साढ़े छह बजे शुरू हुई बातचीत देर रात बेनतीजा खत्म हो गई। इस बीच, किसानों ने आज सुबह 10 बजे दिल्ली कूच कर दिया है।
बता दें कि 12 फरवरी की रात चंडीगढ़ में साढ़े 5 घंटे चली मीटिंग में किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के बीच न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गारंटी कानून और कर्ज माफी पर सहमति नहीं बन पाई। इसके बाद किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवण सिंह पंधेर ने दिल्ली कूच का ऐलान किया।
जानकारी के अनुसार MSP की गारंटी के कानून और कर्जमाफी को लेकर सहमति नहीं बन सकी। सरकार की ओर से बातचीत में केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल, कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा और गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय रहेे। किसानोंे की ओर से सरवन सिंह पंधेर, जगजीत सिंह डल्लेवाल समेत 13 किसान नेता शामिल थे।
दूसरी ओर, किसानों के कूच से निपटने के लिए सरकार ने पूरी तैयारी की है। दिल्ली जाने वाली हर सड़क सील कर दी गई है। दिल्ली में महीने भर के लिए धारा-144 लगा दी गई है। रैली निकालने व ट्रैक्टर के प्रवेश पर रोक लगाई है। राजधानी में सभा करने, जुलूस या रैलियां निकालने और लोगों को लाने-ले जाने वाली ट्रैक्टर ट्रॉली के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
संगठन का मैसेज मिलते ही रवाना होंगे किसान
दूसरी ओर, किसानों ने भी खास योजना बनाई है। ट्रैक्टरों को पिछली बार की तरह तैयार करके घरों में या बाड़ों में छिपाया गया है। संगठन का मैसेज िमलते ही िकसान रवाना हो गए हैं।
2020 में भी हो चुका है आंदोलन
गौरतलब है कि 17 सितंबर 2020 को लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर देश के इतिहास में सबसे लंबा किसान आंदोलन चला था। पंजाब से शुरू हुआ आंदोलन पूरे देश में फैला। 25 नवंबर 2020 को किसान दिल्ली के लिए निकले। इसके 378 दिन बाद 11 दिसंबर 2021 को किसानों ने किसान संयुक्त मोर्चा विजय दिवस मनाया, जिसके बाद आंदोलन खत्म हुआ।