RAIPUR. छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान सरकारी विभागों में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने का मुद्दा गूंजा। भाजपा विधायक आशाराम नेताम के सवाल पर मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने बताया कि अलग-अलग अफसरों के खिलाफ केस मिले हैं। इस संबंध में कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। कुछ मामले कोर्ट में लंबित है।
स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने बताया कि प्रदेश में कुल 232 मामले दर्ज किए गए थे। 102 मामलों के खिलाफ कार्रवाई लंबित है। 130 प्रकरणों में सरकार के द्वारा कार्रवाई की गई। 60 प्रकरण विभाग में कार्रवाई के लिए लंबित है। 33 प्रकरण बिलासपुर हाईकोर्ट में लंबित है और 6 प्रकरणों की हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। कुछ मामलों में कोर्ट से स्टे भी मिला हुआ है तो कुछ मामलों की विभागीय जांच भी चल रही है।
बता दें कि साल 2000 से 2020 तक 758 लोगों के खिलाफ शिकायत मिली थी, जिसमें से 659 मामलों की जांच हुई और 267 मामलों में गड़बड़ी पाई गई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने संबंधित सूची भी जारी की थी, जिसने छत्तीसगढ़ की राजनीति को गरमा दिया था। फर्जी जाति प्रमाण पत्र से सरकारी नौकरी का मामला कई बार सदम में उठ चुका है।
बता दें कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र को लेकर भाजपा-कांग्रेस के नेता एक-दूसरे पर लगातार हमलावर रहे हैं। वहीं इससे पहले ST-SC युवाओं ने पूरी तरह से नग्न होकर विधानसभा मार्ग में प्रदर्शन किया था। उन्होंने फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर सरकारी नौकरी करने वालों के खिलाफ कांग्रेस सरकार के दौरान विरोध जताते हुए कार्रवाई की मांग की थी।