RAIPUR. प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ने मानव तस्करी पर सरकार की गतिविधियों को बताया है। इसमें पूरी तरह से मानव तस्करी के लिए किए जा रहे कार्यों व अभी तक लापता हुए लोगों के विषय में पूरी जानकारी है। सरकार कितनी गंभीर है मानव तस्करी को इस पर विस्तार से जानकारी दी है।
बता दें, इस पत्र में मानव तस्करी का पूरा डाटा है। इनमें लिखा है कि विगत 5 वर्षों में मानव तस्करी में 176 प्रकणों में 744 बालक-बालिका एवं महिला व पुरुष लापता हुए थे।
इनमें से 740 व्यक्तियों का रेस्क्यू किया गया। इन मामलों में 421 आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय पेश किया गया। मानव तस्करी में लिप्त प्लेसमेंट एजेंसी एवं उनके संचालकों के विरूद्ध वर्ष 2012 से 2015 तक कुछ 26 प्रकरणों में 50 कंपनियों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर 19 संचालकों एवं 31 एजेंट को गिरफ्तार कर चालान न्यायालय में प्रस्तुति किया गया।
ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल का गठन
पत्र में प्रदेश के 27 जिलों में मानव तस्करी रोकने के लिए ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल का गठन के बारें में बताया गया। साथ ही अभी तक पिछले 33 महीनों 46746 लोगों के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज हुई है।
इनमें कुल लापता 9997 अव्यस्क बालक-बालिका में से 8892 एवं 27623 लापता महिला में से 20485 एवं कुल लापता में 10530 पुरुष में से 7885 तथा कुल लापता 1235 वृद्धजन में से 800 को खोजकर परिजनों के पास वापस लाया गया।
चलाया गया आपरेशन मुस्कान
गुम बच्चों की तलाश के लिए आपरेशन मुस्कान चलाया गया। जिसमें 51 बालक एवं 453 बालिका सहित कुल 504 को वापस लाया गया।
मल्टी डिसीप्लीनरी रिसर्च पर सहमति
उन्होंने बताया कि राज्य गठन से अभी तक प्रदेश से लापता व्यक्तियों में समग्र अध्ययन के लिए डायरेक्टर आईआईएम रायपुर से प्रारंभिक चर्चा की गई है
एवं उन्होंने इस उद्देश्य से एक मल्टी डिसीप्लीनरी रिसर्च करने के लिए सहमति भी व्यक्ति की है।