PATNA. बिहार की राजनीति में उथल-पुथल जारी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। इससे पहले मुख्यमंत्री आवास पर पार्टी विधायकों के साथ बैठक की गई। इस दौरान नीतीश कुमार ने इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है।
मुख्यमंत्री आवास से राजभवन तक के लिए सुरक्षा बैरीकेडिंग लगा दिए हैं। ऐसे में अब जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार रविवार को ही 9वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। इस्तीफे से पहले नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के विधायकों के साथ बैठक कर भविष्य की रणनीति पर मंथन भी किया।
इंडिया गठबंधन में सबकी अलग रणनीति
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़े अरमानों के साथ विपक्षी एकता की कवायद शुरू की थी, लेकिन वो सफल नहीं हुए। उन्हें इंडिया गठबंधन में महत्वपूर्ण पद की उम्मीद थी,लेकिन हुआ बिल्कुल उल्टा। इंडिया गठबंधन अपनी-डफली और अपनी राग बजाने लगा। टीएमसी, आम आदमी पार्टी ने ऐसा होने नहीं दिया। ये पार्टी अलग राग अलापने लगी। 2017 में महागठबंधन से अलग होने के बाद नीतीश ने RJD को इसका जिम्मेदार ठहराया था।
राहुल गांधी की यात्रा के बाद बढ़ी दरार
नीतीश कुमार अब इस बार कांग्रेस को इसके लिए जिम्मेदार बता रहे हैं। कांग्रेस की ओर से अपनाया जा रहा अलग रास्ता भी विवाद का कारण बना है। राहुल गांधी इंडिया गठबंधन के बारे में बात करने के बजाय कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू कर चुके हैं। ये यात्रा बिल्कुल कांग्रेस की अपनी और अलग यात्रा है। ऐसे में जेडीयू को महागठबंधन में रहने का कोई कारण नजर नहीं आया। इंडिया गठबंधन एकजुट रहने और मोदी को जवाब देने में पूरी तरह विफल रहा।