RAIPUR. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की हार के बाद हाहाकार मचा हुआ है। कांग्रेस के नेता वरिष्ठ नेताओं पर हार का ठीकरा फोड़ रहे हैं। आरोप लगाने वालों में पूर्व विधायक और मंत्री जैसे लोग शामिल हैं। पार्टी अनुशासन का डंडा भी चला रही है, लेकिन उसका कोई असर होता नहीं दिख रहा है। नोटिस, निष्कासन और इस्तीफे के साथ कांग्रेस में बवाल की गूंज दिल्ली दरबार तक पहुंच गई है। छत्तीसगढ़ के दर्जनभर पूर्व विधायक अलग-अलग खेप में दिल्ली पहुंचे हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित केंद्रीय नेताओं से शनिवार को मुलाकात का समय मांगा गया है।
छत्तीसगढ़ में सरकार जाने के बाद कांग्रेस के अंदर की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है। गुटबाजी ऐसी कि कांग्रेस नेताओं में आपस में ही द्वंद्व छिड़ गया है। टिकट काटे जाने पर पहले से नाराज चल रहे पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह और पूर्व विधायक विनय जायसवाल ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके बाद पार्टी ने उन्हें 6 साल के लिए बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
निष्कासित होने के बाद बृहस्पति सिंह ने एक बार फिर कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा और पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव पर खुलकर हमला बोला। वहीं निष्कासित होने के बाद पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह और विनय जायसवाल के साथ 10 विधायक दिल्ली पहुंचे हैं। यहां सभी पूर्व एमएलए राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात कर मामले की शिकायत करने वाले हैं।
बता दें कि दिल्ली रवाना होने से पहले रायपुर में बृहस्पत सिंह ने कहा, जिन लोगों ने कांग्रेस को लगातार धोखा दिया, जिन लोगों ने कांग्रेस के खिलाफ बयान दिया, कांग्रेस की सरकार को चुनौती दी, कांग्रेस हाईकमान को चुनौती दी, जिससे कांग्रेस को भारी नुकसान हुआ। उनके बारे में कहने पर अगर पार्टी निष्कासित करती है तो यह अच्छी बात नहीं है।
छत्तीसगढ़ के कांग्रेसी 12 पूर्व विधायक दिल्ली जा रहे हैं, जहां कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात करेंगे और अपना पक्ष रखेंगे। सच बोलने पर पार्टी से निष्कासित किया जा रहा है। बता दें कि कांग्रेस ने बृहस्पत सिंह, विनय जायसवाल को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। वहीं पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को शोकाज नोटिस जारी किया गया है।