RAIPUR. छत्तीसगढ़ में आदिवासी मुख्यमंत्री बनाकर भारतीय जनता पार्टी ने एक ओर जहां सरगुजा और बस्तर को एक बड़ी सौगात दी है। वहीं दूसरी ओर आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए आदिवासी वोटर को साधने की कोशिश भी की है। कुल मिलाकर छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने आदिवासी नेता विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री बनाकर मास्टर स्ट्रोक खेला है ।
छत्तीसगढ़ में आदिवासी मुख्यमंत्री बनाकर भारतीय जनता पार्टी ने आदिवासी वोटर को यह संदेश देने की कोशिश की है कि सही मायनों में वो ही उनके हितैषी हैं। अब चर्चा इस बात की भी है कि मंत्रिमंडल में कम से कम दो और आदिवासी नेता को जगह दी जाएगी। इधर भारतीय जनता पार्टी के नेता लगातार यह बयान दे रहे हैं कि उनकी ही एक मात्र एकमात्र ऐसी पार्टी है जो आदिवासियों को विशेष महत्व देती है। इसका उदाहरण राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के रूप में भी देते हैं । अब छत्तीसगढ़ में आदिवासी मुख्यमंत्री बनकर भाजपा ने एक और उदाहरण पेश किया है । निश्चित रूप से आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को इसका फायदा मिलेगा। इसका असर झारखंड और उड़ीसा के चुनाव में भी देखने को मिलेगा। दरअसल, कुछ महीनों बाद ही लोकसभा में चुनाव होना है और छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्यों झारखण्ड और उड़ीसा में आदिवासियों की बहुलता है। ऐसे में भाजपा आदिवासी सीएम बनाकर लोकसभा में भी इसका लाभ लेना चाहती है।
इधर, प्रदेश के सह प्रभारी नितिन नबीन का कहना है कि उन्होंने योग्य अनुभवी कुशल प्रशासक आदिवासी नेता विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री चुना है। निश्चित रूप से इसका फायदा आदिवासी समाज समेत संपूर्ण छत्तीसगढ़ को होगा। नितिन नबीन ने यह भी कहा कि मंत्रिमंडल में पुरानों का अनुभव और नए लोगों के जोश का समावेश होगा। मंत्रिमंडल में हमें अनुभव का भी लाभ लेना है और जोश को भी साथ में रखना है। उन्होंने कहा कि शपथ ग्रहण की तैयारी चल रही है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कई राष्ट्रीय नेताओं को आमंत्रित किया गया है ।