RAIPUR. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव का दूसरा चरण कल है, प्रदेश की 70 विधानसभा सीटों के लिए 18 हजार 833 मतदान केद्रों पर वोटिंग कराई जाएगी। कल होने वाले चुनाव में कई बड़े नाम आमने—सामने होंगे, इसमें सीएम भूपेश बघेल, डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत और मंत्री अमरजीत भगत, मंत्री रविंद्र चौबे के नाम शामिल हैं। जहां इस बार काफी रोचक मुकाबला हो सकता है।
पाटन विधानसभा की बात करें तो यहां पर सीधा मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल और भाजपा प्रत्याशी विजय बघेल के बीच है। सांसद विजय बघेल के प्रत्याशी बनाए जाने के बाद भाजपा को जीत की उम्मीद है। तो वही मुख्यमंत्री विकास कार्यों के नाम पर और जनता से सीधे जुड़ाव के नाम पर वोट मांग रहे हैं। इन दोनों के बीच अमित जोगी भी पाटन से चुनाव लड़ रहे है। जिन्हें एससी वोट मिलने की उम्मीद है।
वहीं अंबिकापुर विधानसभ में सीधा मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी TS सिंहदेव और भाजपा प्रत्याशी राजेश अग्रवाल के बीच है। भाजपा का आरोप सिंहदेव 15 साल से विधायक,नेता प्रतिपक्ष और मंत्री रहने के बाद कुछ नहीं किए। जबकि सिंहदेव अभी भी अपनी सहजता के कारण जनता के बीच जा रहे हैं।
इनके साथ ही साजा विधानसभा में सीधा मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी रविंद्र चौबे और भाजपा प्रत्याशी ईश्वर साहू के बीच है। जो कि मृतक भुनेश्वर साहू के पिता हैं, यहां भाजपा ध्रुवीकरण के सहारे वोट मांग रही है। तो वहीं रविंद्र चौबे नौ बार चुनाव लड़ चुके हैं। इस अनुभव के आधार पर वे चुनाव लड़ रहे हैं।
सीतापुर विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी मंत्री अमरजीत भगत और पूर्व सैनिक भाजपा प्रत्याशी रामकुमार टोप्पो के बीच है। बीजेपी का कहना है 20 साल से विकास कार्य नहीं हुआ। जबकि अमरजीत का कहना है सीतापुर कांग्रेस का गढ़ है। BJP केवल प्रयोग कर रही है।
सक्ती विधानसभा की बात करें तो यहां पर कांग्रेस प्रत्याशी चरणदास महंत और BJP प्रत्याशी खिलावन साहू के बीच कड़ा मुकाबला है। BJP चरणदास महंत पर निष्क्रियता का आरोप लगाती है। जबकि महंत जिला निर्माण और सरकार के विकास कार्यों के नाम पर वोट मांग रहे हैं।
दुर्ग ग्रामीण विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी ताम्रध्वज साहू और भाजपा प्रत्याशी ललित चंद्राकर के बीच सीधा मुकाबला है। भाजपा का आरोप है ताम्रध्वज साहू विकास कार्य नहीं कराए और अवैध सट्टा -जुआ संचालित हुआ। जबकि भाजपा प्रत्याशी केंद्र सरकार और चुनावी वादों के आधार पर वोट मांग रहे हैं। बहरहाल देखना होगा कि कौन किस पर भारी पड़ता है लेकिन कांग्रेस के इन दिग्गजों को हराना भाजपा के लिए चुनौती जरूर है।