RAIPUR. हाथियों के आतंक से छत्तीसगढ़ के कई जिले प्रभावित हैं। इस बीच, 40 हाथियों का सिकासेर दल धमतरी जिले में पहुंच गया है। इससे ग्रामीण दशहत में आ गए हैं। यह सिकासेर दल जिले के नगरी से 10 किमी दूर पहुंच गया है और उत्पात मचा रहा है। यह हाथी मैनपुर डिवीजन से लौटकर नगरी इलाके में पहुंचा है, जो पक कर तैयार धान की फसल रौंद रहा है। इस दौरान वन विभाग भी अलर्ट हो गया है। इसके साथ ही ही जिले के करीब 10 गांवों में मुनादी कराकर या संदेश भेजकर ग्राणीगों को अलर्ट कर दिया गया है और खेतों की तरफ जाने को मना किया गया है।
जानकारी के मुताबिक हाथियों का दल पिछले 24 घंटे से कक्ष क्रमांक 270, 271 के सीमा में गजकन्हार परिसर में मौजूद है। जहां कल्लेमेटा में फसल रौंदा। हाथियों के मूवमेंट को ध्यान में रखकर गजकन्हार, बांधा, गुहाननाला, कोटाभर्री, बिलभद्दर, डोंगरडुला, कल्लेमेटा, चरगांव, तुम्बाहरा, दुगली, बिरनपारा, मारागांव, जबर्रा में अलर्ट जारी किया है। हाथियों की निगरानी में एससीएफओ ओम प्रकाश चंदनिया, वन रक्षक मो. रिजवान रिजवी सहित राजाराम साहू, त्रिलोचन कश्यप, हेमंत निषाद, रामकुमार ध्रुव, सुरक्षा श्रमिक, पैदल ट्रैक दल की ड्यूटी लगाई गई है। इसके साथ ही ग्रामीणों को भी सतर्क रहने को कहा गया है।
छत्तीसगढ़ हमेशा हाथियों के आतंक से भयभीत रहता है। वन विभाग के मुताबिक गरियाबंद, महासमुंद, धमतरी, कांकेर, राजनांदगांव जिला हाथियों का कॉरिडोर बन गया है। धमतरी जिले में पानी के लिए 4 बड़े बांध और पर्याप्त भोजन भी है। इस कारण 15 साल पहले टाइगर रिजर्व का दर्जा मिला। बीते 5 साल पहले जिले में राम-बलराम 2 हाथी आए थे। इसके बाद से जिले में हाथियों का लगातार आना-जाना चल रहा है। हालांकि वन विभाग समय-समय पर अलर्ट करता रहता है।