DURG. छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की तारीख नज़दीक आते ही दोनों ही दलों की चुनावी रणनीति साफ होती दिखाई दे रही है। भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी अपने जनसंपर्क में भिड़े हुए हैं। वहीं प्रत्याशियों के कार्यशैली से कुछ लोग नाराज़ भी दिखाई दे रहे हैं। इससे चुनाव के समय जनता के सामने हाथ जोड़ने वाले प्रत्याशियों का एक अलग ही रूप सामने आ रहा है।
जनता से वोट मांगने निकले और भीड़ गए उनसे ही
दरअसल, दुर्ग ग्रामीण के भाजपा प्रत्याशी ललित चंद्राकर और उनकी पूरी टीम विभिन्न क्षेत्रों में चुनावी जनसंपर्क कर रही हैं। इन दिनों जनसंपर्क के दौरान सोशल मीडिया में वायरल एक वीडियो के कारण वे चर्चा का विषय बने हुए है। इस विडियो में अपने पक्ष में जनता से वोट मांगने निकले ललित चंद्राकर खुद जनता से उलझ गए। गांव के लोगों से किसी बात पर उनका विवाद होने लगा। देखते ही देखते बात इतनी बढ़ गई कि ललित चंद्राकर को उसी वक्त अपना जनसंपर्क अभियान रोक कर वापस लौटना पड़ा।
क्या सिसायत में असर डालेगा यह मुद्दा
जहां एक ओर उनके सामने ताम्रध्वज साहू जैसे कद्दावर नेता चुनौती के रूप में खड़े हुए है। वही दूसरी ओर चुनाव के समय जनता से भिड़ना और इस तरह के वीडियो का वायरल होना ललित चंद्राकर के लिए बड़ी समस्या का कारण बन सकता है। अब तीन दिसंबर को मतगणना वाले दिन देखने वाली बात यह होगी कि ललित चंद्राकर के सियासत में जनसंपर्क की सक्रियता असर डालेगी या फिर जनता से उलझने वाला यह मुद्दा। इसे लेकर ललित चंद्राकर का कहना है कि, विपक्ष का काम है हमे बुरा दिखाना लेकिन मेरी कार्यशैली से जनता बखूबी परिचित है। मुझे नहीं लगता कि इस प्रकार के मुद्दे मेरी जनता को बरगला सकते है।
नशे में थे भिड़ने वाले – चंद्राकर
वहीं इस मामले को लेकर ललित चंद्राकर का कहना है कि, चुनावी जनसंपर्क में आपको हर तरह के लोग मिलते है। कोई आपके समर्थक होंगे तो कोई आपके विपक्ष के लोग। ऐसे लोग और बेवजह के मुद्दे हमे किसी हाल में नहीं रोक सकते। जिन लोगों वे मुझसे बहस शुरू की उन्हें मैंने केवल समझने और शांत करने की कोशिश की। इस वक्त मेरे लिए चुनाव जरूरी है न की इस तरह के मुद्दे। नशे की हालत में विपक्ष के लोगों ने मुझसे बहस की लेकिन ऐसे लोगों को मैं नजरंदाज करना ज्यादा पसंद करता हूं।
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