BILASPUR.केन्द्रीय जेल में रविवार को राज्य स्तरीय वृहद जेल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसमें 11 बंदियों के मामलों का निराकरण तत्काल कर रिहा करने का फैसला सुनाया गया। जिसे सुनकर बंदियों की आंखें नम हो गई।
बता दें, केन्द्रीय जेल में जेल के अंदर ही कोर्ट रूम बनाकर न्यायाधीशों ने सुनवाई कर बंदियों के अपराध की सजा की समीक्षा की। यह जेल लोक अदालत जिला न्यायालय बिलासपुर व अन्य तालुका न्यायालय में पदस्थ न्यायाधीशों द्वारा केन्द्रीय जेल में निरूद्ध विचाराधीन बंदियों के 11 प्रकरणों का निराकरण किया गया। ऐसे बंदी जिन पर आरोपित धारा के अपराध की न्यूनतम अवधि जेल में गुजर चुके थे।
उन्हें जुर्म स्वीकारोक्ति के आधार पर उनकी अभिरक्षा में बिताई गई अवधि के बराबर दंडादेश देकर उनकी रिहाई का आदेश पारित किया गया। जेल लोक अदालत की कार्यवाही के दौरान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के उप सचिव गिरीश कुमार मंडावी, न्यायाधीश सुमित कुमार सोनी, निक्सन डेविड लकड़ा, शुभदा गोयल, श्वेता बघेल व जेल अधीक्षक खोमेश कुमार मंडावी उपस्थित रहे।
कम सजा वाले प्रकरणों की हुई सुनवाई
इस लोक अदालत में पहले से ही कम सजा वाले मामलों को चिन्हांकित किया गया और कम सजा वाले मामलों की सुनवाई की गई। जिससे तत्काल ही बंदियों के रिहाई का फैसला भी सुनाया गया। फैसला सुनते ही बंदियों की आंखें नम हो गई। अपराध बोध को खत्म कर अब सही मार्ग पर चलने का संकल्प बंदियों ने लिया।