RAIPUR. रेल यात्रियों के लिए अच्छी खबर है. रेल यात्रियों की सुविधा, सुरक्षा एवं संरक्षित रेल परिचालन के लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने यात्रियों को बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से चलने वाली सभी ट्रेनों में धीरे-धीरे पुराने ICF (इंटीग्रल कोच फैक्ट्री) कोच को हटाकर नई तकनीक वाले LHB (लिंक हॉफमैन बुश) कोच लगाए जा रहे है। अब तक दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से होकर चलने वाली 19 ट्रेनों को नई तकनीक वाले एलएचबी कोच के साथ चलाई जा रही है। इनमें 19 ट्रेनों के 22 रैक के कुल 465 LHB कोच है ।
इन ट्रेनों को मिली एलएचबी कोच की सुविधा
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने अब तक कुल 19 ट्रेनों को एलएचबी कोच की सुविधा उपलब्ध कराई है। इनमें
० बिलासपुर-भगत की कोठी
० बिलासपुर-बीकानेर
० बिलासपुर-पटना
० बिलासपुर-एर्णाकुलम
० बिलासपुर-चेन्नई
० बिलासपुर-पुणे
० रायपुर-कोरबा
० बिलासपुर-अमृतसर, छत्तीसगढ़ एक्स
० दुर्ग-निजामुद्दीन, संपर्कक्रांति
० दुर्ग-जम्मूतवी
० दुर्ग-कानपुर
० दुर्ग-नौतनवा
० दुर्ग-अजमेर
० दुर्ग-ऊधमपुर
० दुर्ग-निज़ामुद्दीन, हमसफर
० दुर्ग-भोपाल, अमरकंटक एक्स
० रायगढ़-गोंदिया, जनशताब्दी एक्स
० दुर्ग-नौतनवा
० दुर्ग-अजमेर एक्सप्रेस शामिल है।
लिंक हॉफमैन बुश क्या है?
LHB कोच (लिंक हॉफमैन बुश) इंडियन रेलवे में पहली बार साल 1999 में शामिल किए गए। इसका निर्माण कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री में किया जाता है। ये कोच पैसेंजर्स के लिए काफी आरामदायक होता है। वहीं दुर्घटना की स्थिति में ये कोच कम क्षतिग्रस्त होते हैं और पैसेंजर्स के सुरक्षित रहने की संभावना बढ़ जाती है। इसके स्लीपर और AC के सभी कैटेगरी के कोच में बर्थ की कैपिसिटी ज्यादा होती है। इस कोच में स्लीपर की संख्या 76, थर्ड एसी 72, सेकंड एसी 58, फर्स्ट एसी 22-24 होती है।