NEW DELHI. महिला आरक्षण बिल पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का बड़ा बयान सामने आया है। उनका कहना है कि 2010 में हमने राज्यसभा में विधेयक पारित किया था, लेकिन यह लोकसभा में पारित नहीं हो सका। इसलिए, यह कोई नया विधेयक नहीं है।
बता दें महिला आरक्षण बिल के लागू होने से प्रदेश की 70 विधानसभा सीटों में 23 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी। इसके मिलने से देश के सर्वोच्च सदन में महिलाओं के लिए 181 सीटें आरक्षित हो जाएंगी।
उन्होंने कहा कि अगर उस विधेयक को उस वक्त ही आगे बढ़ाया होता, तो यह आज तक जल्दी पारित हो गया होता। साथ ही कहा कि वे इसे चुनावों के मद्देनजर प्रचारित कर रहे हैं। वहीं वास्तव में जब तक परिसीमन या जनगणना नहीं होती, आप खुद देखिएगा कि इसे लाने में कितना वक्त लगेगा।
सांसद प्रमोद तिवारी ने भाजपा पर कसा तंज
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने महिला आरक्षण बिल पर भाजपा पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि “मैं चुनौती देता हूं कि अगर बीजेपी की नीति और नियत साफ है तो गारंटी दें कि 2024 के चुनाव में महिलाओं को आरक्षण मिलेगा”। हम पूरी ताकत से आपके साथ खड़े रहेंगे।
क्या है महिला आरक्षण बिल
बता दें कि महिला आरक्षण बिल के लागू होने से प्रदेश की 70 विधानसभा सीटों में 23 सीटें महिलाओं के लिए रिज़र्व हो जाएंगी। वहीं पार्टी का कहना है कि ऐसा होने पर 23 महिलाएं विधानसभा पहुंचेंगी।
इससे महिलाएं राजनीतिक तौर पर सशक्त होंगी। इसके साथ ही लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। इसके मिलने से देश के सर्वोच्च सदन में महिलाओं के लिए 181 सीटें आरक्षित हो जाएंगी।