BHILAI. छत्तीसगढ़ के भिलाई से एक फ्रॉड का बड़ा मामला सामने आ रहा है. यहां के यस बैंक में अनिमेष सिंह नाम के व्यक्ति के खाते से 165 करोड़ रुपये की लेनदेन की बात सामने आई थी. जिसके बाद अनिमेष सिंह ने स्वयं इस बात की शिकायत पुलिस थाने में की थी और दो अन्य लोगों हितेश चौबे और बाला चौहान को इसमें दोषी बताया था.
उसके बाद हितेश चौबे द्वारा अनिमेष सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई. लेकिन इस मामले में अब तक किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया. इसी मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने इस मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो के प्रमुख से शपथ सहित अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी है.
बता दें कोर्ट ने अपने आदेश में एंटी करप्शन ब्यूरो(एसीबी) के प्रमुख डीएम अवस्थी से पूछा है कि मुख्य सचिव यह जानकारी दें कि यस बैंक में जो खाता खोला गया था उसमें इतने रकम कहां से आए थे.
और वह पैसे किस-किस खाते में या किस-किस को दिए गए हैं। मामले की जांच अब तक इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, ईडी या किसी अन्य स्वतंत्र संस्था से कराने की मांग को लेकर भी आदेश में जिक्र है. इस मामले में अगली सुनवाई 28 अगस्त को रखी गई है.
प्रभुनाथ मिश्रा ने दर्ज की याचिका
कर्मचारी यूनियन के नेता प्रभुनाथ मिश्रा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. जिस पर न्यायलय ने 13 जुलाई को इस विषय पर अपने आदेश में एंटी करप्शन ब्यूरो के प्रमुख डीएम अवस्थी को व्यक्तिगत शपथ पूर्वक सम्पूर्ण मामले का जवाब देने के लिए आदेशित किया था. परंतु एसीबी प्रमुख डीएम अवस्थी ने अपने जवाब में कहा कि इस अपराध के विषय में एसीबी को कोई जानकारी ही नहीं है और ना ही ऐसा कोई मामला उनके पास जांच के लिए भेजा गया है।
इसके बाद चीफ जस्टिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रतिवादी पक्ष के वकीलों से जवाब माँगा. इसके बाद सरकारी पक्ष के वकील ने गलती मानते हुए 6 सप्ताह का समय माँगा है.