NEW DELHI. आज हमारे देश को आजाद हुए 76 वर्ष हो गए। मंगलवार को पूरा देश आज़ादी का जश्न मना रहा है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले पर 21 तोपों की सलामी के साथ 10वीं बार तिरंगा फहराया है। इस दौरान उन्होंने मणिपुर हिंसा, रिफॉर्म्स पर बात की। साथ ही साथ अपने शासन के 10 साल का हिसाब भी दिया। इसके अलावा देशवासियों के हित में पीएम ने 03 गारंटी भी दी है।
दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनेगा भारत
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को 03 गारंटी दी है। साथ ही कहा कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनेगा। इसके अलावा शहरों में किराए के मकानों में रहने वालों को बैंक लोन में रियायत मिलेगी। और तीसरा देशभर में 10 हजार से बढ़ाकर 25 हजार जनऔषधी केंद्र खोले जाएंगे।
मणिपुर पर बोले पीएम नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर पर कहा कि बीते कुछ सप्ताह से मणिपुर में जो हिंसा का दौर चला बहुतों ने अपनी जिंदगी खो दी। मां-बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ, लेकिन कुछ दिनों से मणिपुर से लगातार शांति की खबरें आ रही हैं। पीएम मोदी ने कहा कि पूरा देश मणिपुर के साथ है। साथ ही कहा कि मणिपुर के लोगों ने कुछ दिनों से जो शांति बनाए रखी उसे आगे बढ़ाए। क्योंकि शांति से ही समाधान का रास्ता निकलेगा। वहीं बोला कि केंद्र और राज्य की सरकार मिलकर उन समस्याओं के समाधान के लिए पूरा प्रयास कर रही है और करती रहेगी।
क्या है मणिपुर हिंसा
दरअसल मणिपुर बीते कुछ महीनों से हिंसा की आग में जल रहा है। यहां दो समुदाय मैतेई और कुकी के बीच हिंसक झड़प दिखाई दे रही है। वहीं बीते दिनों कुकी समुदाय की दो महिलाओं को मैतेई समुदाय के पुरुषों ने नग्न अवस्था में परेड करवाई जिसके बाद मणिपुर समेत पूरा देश आग बबूला हो गया। महिलाओं का ये वीडियो सोशल मीडिया में जब कर वायरल हुआ जिसके बाद सब ने अपनी अपनी प्रतिक्रियाएं दी। मणिपुर में 03 मई से हिंसा की शुरुआत हो चुकी थी। दरअसल, मणिपुर में मैतेई समाज की मांग है कि उसको कुकी की तरह राज्य में शेड्यूल ट्राइब (ST) का दर्जा दिया जाए।
लेकिन कुकी समुदाय इसका विरोध करने लगा। और ये मामला देखते ही देखते हिंसा में बदल गया। इस हिंसा में अब तक 130 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और 400 से अधिक लोग घायल हुए हैं। वहीं 60,000 से अधिक लोगों ने अपने घरों से दूसरी जगहों पर जाने के लिए मजबूर हुए। फिलहाल मणिपुर में हिंसा को रोकने के लिए सेना, अर्धसैनिक बलों और पुलिस बल तैनात है।