RAIPUR. छत्तीसगढ़ में फर्जी जाति का मामला लगातार गरमा रहा है। अब इस मामले में आज एससीएसटी वर्ग के युवाओं का नग्न प्रदर्शन किया। इस दौरान आमासिवनी से नग्न होकर विधानसभा मार्च किया। हालांकि विधानसभा के पास पुलिस ने हिरासत में लिया। फर्जी जाति प्रमाणपत्र मामले में कार्रवाई की मांग की जा रही है। प्रदर्शन की चेतावनी के बाद रात भर पुलिस ने की धरपकड़। फिर भी प्रदर्शन करने में युवा सफल हुए। प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने 267 फर्जी प्रमाणपत्र धारी लोगों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से राज्य के विभिन्न विभागों को शिकायतें मिली थी कि गैर आरक्षित वर्ग के लोग आरक्षित वर्ग के कोटे का शासकिय नौकरियों एवं राजनैतिक क्षेत्रों में लाभ उठा रहे है। इस मामले की गम्भीरता देखते हुए राज्य सरकार नें उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति गठित की थी, जिसके रिपोर्ट के आधार पर सामान्य प्रशासन विभाग ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी कर रहे अधिकारी कर्मचारियों को महत्वपूर्ण पदों से तत्काल हटा उन्हें बर्खास्त करने के आदेश जारी कर दिए।
इसके बाद कुछ ने जांच समिति के रिपोर्ट को न्यायलय में चुनौती दी, लेकिन सामान्य प्रशासन की ओर से जारी फर्जी प्रमाण पत्र धारकों की लिस्ट में ऐसे अधिकांश लोग है जो सरकारी फरमान के पालन नहीं होने का मौज काट रहे और प्रमोशन लेकर मलाईदार पदों में सेवाएं दे रहे हैं। इसे लेकर अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के युवाओं ने मोर्चा खोल दिया और बीते पिछले दिनों वे आमरण अनशन पर बैठ गए थे।
इन युवाओं ने पहले ही प्रदर्शन करने की दी थी चेतावनी
बता दें कि इन युवाओं ने फर्जी जाति मामले को लेकर 18 जुलाई को पूर्ण नग्न प्रदर्शन करने का ऐलान किया था। 100 से अधिक युवा बिना कपड़ों के सड़क के बीच प्रदर्शन करने की चेतावनी दी थी। युवाओं के मुताबिक छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद आरक्षित वर्ग में गैर आरक्षित वर्ग के लोग नौकरी कर रहे हैं। छोटे से लेकर बड़े पदों तक ऐसे लोगों की भरमार है।
एससीएसटी छानबीन संघर्ष समिति के प्रदेश प्रवक्ता धनंजय परमाल के मुताबिक इससे पहले मई 2022 में एससीएसटी वर्ग के युवाओं ने इस मामले को लेकर 10 दिनों का आमरण अनशन भी किया था। सरकार ने अब तक फर्जी जाति मामले में नौकरी कर रहे लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है, जिसको लेकर एससी और एसटी वर्ग के युवाओं में खासी नाराजगी और गुस्सा देखने को मिल रहा है।
इसलिए हो रहा विरोध
दरअसल, फर्जी जाति मामले को लेकर राज्य सरकार ने उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति गठित की थी, लेकिन समिति ने अब तक फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी पाने वालों पर कार्रवाई नहीं की है।अब तक कई लोगों के प्रमोशन भी हो चुके हैं. जिसका विरोध अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के युवाओं ने किया है.