NEW DELHI. दिल्ली के बहुचर्चित गीतिका शर्मा सुसाइड केस में आरोपी रहे हरियाणा के पूर्व गृह राज्य मंत्री गोपाल कांडा को कोर्ट ने बरी कर दिया। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में मंगलवार को फैसला सुनाते हुए एक अन्य आरोपी अरुणा चड्ढा को भी बरी कर दिया। बरी होने के बाद गोपाल कांडा ने कहा, ”मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं था। ये केस मेरे खिलाफ बनाया गया था और आज कोर्ट ने फैसला सुना दिया है।”
आज से करीब 11 साल पहले 5 अगस्त 2012 को गोपाल कांडा की एयरलाइंस में एयर होस्टेस रहीं गीतिका शर्मा ने अपने अशोक विहार स्थित घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। गीतिका ने एक सुसाइड नोट छोड़ा था। इसमें गोपाल कांडा और उनकी एविएशन कंपनी MDLR में सीनियर मैनेजर रहीं अरुणा चड्ढा को इस कदम का जिम्मेदार ठहराया था। बता दें कि यह एयरलाइंस अब बंद हो चुकी है।
यह लिखा था सुसाइड नोट में …
गीतिका ने दो पेज के अपने सुसाइड नोट में गोपाल कांडा और अरुणा चड्ढा को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहाराया था। उसने लिखा था- आज मैं अपने आप को खत्म कर रही हूं, क्यों कि मैं अंदर से टूट गई हूं। मेरे विश्वास टूट गया है और मेरे साथ धोखा किया गया।
मेरी मौत के लिए दो लोग गोपाल कांडा और अरुणा अरुणा चड्ढा जिम्मेदार हैं। दोनों ने मेरे विश्वास को तोड़ा और अपने अपने फायदे के लिए मुझे इस्तेमाल किया। इन लोगों ने मेरे जीवन को बर्बाद कर दिया और अब ये लोग मेरे परिवार को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। इन दोनों को इन गलत किए की सजा मिलनी चाहिए।
लड़कियों पर गंदी नजर रखता था कांडा
इतना ही नहीं, सुसाइड नोट में गीतिका ने यह भी लिखा था कि पूर्व मंत्री गोपाल कांडा एक फ्रॉड है। वह हमेशा लड़कियों पर गंदी नजर रखता था। गोपाल कांडा आदतों से लड़कियां प्रताड़ित होती हैं। वह हमेशा लड़कियों की ही ताक में रहता था। मैंने अपनी जिंदगी में उससे बेशर्म इंसान नहीं देखा। वो हमेशा झूठ बोलता है।
गीतिका ने कांडा पर यौन शोषण और उत्पीड़न के आरोप भी लगाए थे। अदालत ने कांडा पर आईपीसी की धारा 306 यानी आत्महत्या के लिए उकसाना, 506 यानी आपराधिक धमकी, 201 यानी साक्ष्य नष्ट करना, 120 बी यानी आपराधिक साजिश रचना, और 466 यानी जालसाजी के तहत आरोप तय किया था।
इस घटना के कुछ दिनों के बाद गीतिका शर्मा की मां ने भी आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने भी अपनी मौत का जिम्मेदार गोपाल कांडा को बताया था। कांडा को इस मामले में 18 महीनों तक जेल में रहना पड़ा था। मार्च 2014 में कांडा को जमानत मिल गई थी और अब उन्हें बरी कर दिया गया है। गोपाल कांडा अभी अपनी पार्टी हरियाणा लोकहित पार्टी से सिरसा से विधायक हैं।