RAIGARH . छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय रामायण कार्यक्रम का आज दूसरा दिन है. इस अवसर पर भारत से 08 हज़ार किलो मीटर दूर से इंडोनेशिया से आए दल ने इस कार्यक्रम में प्रसतुति दी, इस प्रसतुति के दौरान उन्होंने बतया कि 2000 बरस पहले यहां भारतीय उपमहाद्वीप का सांस्कृतिक प्रभाव पड़ा और बाली ने भारत के सांस्कृतिक मूल्यों को अपना लिया। जिसके बाद कहा कि वाल्मीकि की रामायण कथा बाली द्वीप में आज भी उसी तरह से सुनाई जाती है और स्थानीय संस्कृति के अनुरूप इसका सुंदर मंचन करते है.
इस दौरान श्रीयानी ने वस्त्र दिखाते हुए कहा कि देख लीजिए सालों से इसी तरह के वस्त्र रामकथा में पहने जा रहे हैं और इन वस्त्रों की विशेषता यह है कि ऐसे ही परिधान हमारे मंदिरों में भी देवताओं ने धारण किए हैं. अपने मुकुट की तरफ इशारा करते हुए श्रीयानी ने बताया कि इसे देखिए, यह वैसा ही है जैसे बाली के मंदिरों में बनी मूर्तियों में दिखता है। इस भावपूर्ण तरीके से इंडोनेशिया से आए दल ने अपनी प्रसतुति दी, जिसे लोगों की नज़र उनसे हात ही नहीं रही थी.
श्रीयानी ने बताया कि वह पहली बार भारत आई हैं. यह श्रीराम का देश है. उन्हें बताया गया कि रामकथा में वर्णित अरण्यकांड का स्थल दंडकारण्य ही है. यह छत्तीसगढ़ ही है जहां मैं आई हूँ. यह सोचकर ही मुझे बहुत अच्छा लग रहा है.
कम्बोडिया में कम्बोडियन के नाम से जानें जाते है श्री राम
वहीं कम्बोडिया से पहुंची 12 सदस्यीय टीम ने बताया कि यहां जिस तरह से भगवान राम को पूजते हैं, उसी तरह वहां भी राम की मान्यता है, कम्बोडिया में राम को रिमकर के नाम से जाना जाता है। यह एक कम्बोडियन महाकाव्य से उद्घृत कविता है जो संस्कृत के रामायण से प्रेरित है. रिमकर यानी राम की महिमा होती है. कम्बोडिया में भी सरकार यहां की कला और संस्कृति को प्रोत्साहित करती है. यहां भगवान श्री राम की कहानी को आम लोगों से जोड़कर दिखाया जाता है. कम्बोडिया से आए टीम एक कलाकार ने बताया कि रामकथा के इस तरह की प्रस्तुति देने पहली बार भारत आए हैं, लेकिन इससे पूर्व वे पारिवारिक यात्रा में वे भारत आ चुके हैं.
कम्बोडिया की टीम ने इस प्रसंग को बड़े ही भावपूर्ण तरीके से प्रस्तुत किया। इस प्रस्तुति ने लोगों का मन मोह लिया। भावों को समझने भाषा आड़े नहीं आई। लोग कम्बोडिया के रामायण में भी उसी भावधारा में बहते रहे जैसे मानस कथा सुनकर अभिभूत हो जाते हैं.
झारखंड से आए कलाकार ने दी अरण्यकांड की प्रस्तुति
रामायण महोत्सव कलाकरों के दल ने रामायण के विविधि प्रसंगों की शानदार प्रस्तुति देकर लोगों को भक्तिभाव से विभोर कर दिया। कार्यक्रम का आगाज झारखंड से आए कलाकार दल ने अरण्यकांड पर मनमोहक प्रस्तुति दी। सीता हरण और राम द्वारा शबरी के झूठे बेर खाने के प्रसंग की प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।