KARNATAKA. कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक को मौखिक रूप से भारत में बंद करने की चेतावनी दे दी है. दरअसल कर्नाटक हाईकोर्ट सऊदी अरब के जेल में बंद एक भारतीय नागरिक शैलेश कुमार के मामले में सुनवाई कर रही थी. इस दौरान कोर्ट द्वारा मौखिक रूप से फेसबुक को ये चेतावनी दी गई है.
ये है पूरा मामला
दरअसल 2021 में शैलेश कुमार की पत्नी कविता ने स्थानीय पुलिस से शिकायत किया था कि “मैंगलोर (मंगलुरु) निवासी शैलेश कुमार पिछले 25 वर्षों से सऊदी अरब में काम कर रहे हैं. इसी बीच उन्होंने भारत सरकार के नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) कदम के समर्थन में एक पोस्ट डाला था. जिसके बाद उन्हें धमकी भरे फ़ोन आने लगे, इन सब से डरकर उन्होंने अपना अकाउंट डिलीट कर दिया. लेकिन कुछ बदमाशों ने उनके नाम से फेसबुक पर फर्जी अकाउंट बना लिया और उनके नाम से सऊदी अरब के राजा और इस्लाम के खिलाफ अपमानजनक पोस्ट कर दिया. इस पोस्ट के बाद सऊदी अरब में उन्हें खिलाफ मुकदमा चलाया गया फिर 15 साल की जेल की सजा सुने गई है. ये जानकारी उसने अपनी पत्नी कविता को दी, इसके बाद कविता ने ये शिकायत शैलेश के नाम का फेसबुक में फर्जी अकाउंट बनाने वाले अज्ञात बदमाशों के खिलाफ दर्ज कराई थी.
समस्या का समाधान न मिलने पर कविता ने कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, 12 जून को हाईकोर्ट ने “मैंगलोर (मंगलुरु) के पुलिस आयुक्त को मामले के कागजात का अध्ययन करने और अदालत के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया था, ताकि वे बता सकें कि इस मामले की जांच में इतनी देरी क्यों हुई, जबकि सभी को पता है कि भारतीय नागरिक विदेशी जेल में बंद है और उसका कहना है कि उसने कोई अपमानजनक पोस्ट नहीं किया है, बल्कि उसके नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बनाई गई थी.
इसके बाद 14 जून को मैंगलुरु शहर के पुलिस आयुक्त कुलदीप कुमार जैन और मामले के जांच अधिकारी बुधवार को उच्च न्यायालय में जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित के सामने उपस्थित हुए, साथ ही कारण बताते हुए कहा कि जांच में देरी हुई है क्योंकि फेसबुक ने पुलिस के साथ सहयोग नहीं किया है.
इसके बाद कर्नाटक हाईकोर्ट ने मौखिक रूप से फेसबुक (मेटा) को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि वो फर्जी आईडी की जांच में पुलिस का सहयोग नहीं करता है तो वह भारत में अपने संचालन को बंद करने का आदेश दे सकता है.