DURG. आईपीएस अभिषेक पल्लव ने अपने व्यवहार और आसान पहुंच के कारण जो छवि बनाई थी, वह जनता के दिलों से मिटाई नहीं जा सकेगी। दुर्ग ही नहीं, देशभर की जनता उनकी कार्यप्रणाली की मुरीद है। सोशल मीडिया पर उनके बारे में जैसा लोग लिखते हैं, वैसा शायद ही किसी पुलिस अफसर के लिए लिखा जाता है। जहां एक ओर अफसर आम जनता से दूरी बनाने में बेहतरी समझते हैं, वहीं दूसरी ओर डॉ. अभिषेक पल्लव ने अपने घर तक को लोगों के लिए खोल रखा था। कोई भी व्यक्ति अपनी परेशानी लेकर उनके पास जा सकता था। डॉ. अभिषेक पल्लव की वे खास बातें, जिन्हें लोग भुला नहीं पाएंगे।
1. अफसरशाही के उलट खुद को सेवक की तरह रखा
जहां एक ओर किसी आम आदमी का अफसर से मिलना तमाम औपचारिकताओं से भरा होता है, वहीं डॉ. अभिषेक पल्लव ने खुद को सर्व सुलभ बनाया। उन्होंने लोगाें को महसूस नहीं होने दिया कि वे किसी अफसर से मिल रहे हैं। लोगों के बीच खुद उतरे। बाजारों में घूम-घूमकर लोगाें से बात की। कुछ दिनों पहले वे एक बस्ती में लोगों की समस्याएं जानने घर-घर पहुंचे। ऐसा करने वाले वे संभवत: पहले आईपीएस है।
2. मोबाइल नंबर तक सार्वजनिक किया
अमूमन अफसर अपना पर्सनल नंबर लोगाें को नहीं देते। तमाम अफसर तो ऐसे हैं जो अपना सरकारी नंबर रखते तो हैं, लेकिन अगर कोई फोन करे तो उठाने में अपनी तौहीन समझते हैं। वहीं दूसरी ओर डॉ. अभिषेक पल्लव ने अपना मोबाइल नंबर जनता के बीच बांट दिया। वे किसी भी मंच से अपना मोबाइल नंबर लोगाें को बताते रहे। सबसे बड़ी बात ये है कि कोई भी व्यक्ति उनसे बात कर सकता था और वे उपलब्ध भी रहे।
3. सख्ती की, लेकिन नुकसान नहीं
डॉ. अभिषेक पल्लव कानून का पालन कराने के लिए सख्त जरूर रहे, लेकिन कार्रवाई से ज्यादा फोकस उनका समझाइश पर रहा। यातायात नियमों का पालन कराने में यह मंशा जगजाहिर रही। हेलमेट न लगाने वालों को उन्होंने अक्सर यही कहा कि इस बार छोड़ रहे हैं, अगली बार कार्रवाई करेंगे। उन्होंने उन्हीं मामलों में जुर्माना की कार्रवाई की, जब वाहन चालकों ने दूसरों की जान को जोखिम में डाला।
4. गलती पर पुलिस कर्मियों पर भी सख्ती
डॉ. पल्लव अपराध करने वाले सभी व्यक्तियों पर सख्त रहे, फिर चाहे वह पुलिस विभाग का कर्मचारी ही क्यों न हो। गांजा तस्करी करने, लोहा चुराने वाले, दुष्कर्म करने वाले पुलिस कर्मी और अफसरों को भी डॉ. पल्लव ने जेल की यात्रा कराई। अपवाद सभी जगह होते हैं। हो सकता है कि किसी मामले में किसी को छोड़ा गया हो, लेकिन समग्रता में देखें ताे गलत करने वालों पर कार्रवाई हुई है।
5. पूछताछ का अंदाज
एसपी अभिषेेक पल्लव ने सबसे ज्यादा लोकप्रियता अपने पूछताछ के अंदाज के कारण हासिल की। आरोपियों को मीडिया के सामने पेश करना और सबके सामने अपराध का कारण और प्रक्रिया पूछकर उन्होंने पारदर्शी व्यवस्था बनाने की कोशिश की। लोगों ने कहा कि वे जज की भूमिका निभा रहे हैं। लेकिन एसपी पल्लव हमेशा अपना मंतव्य स्पष्ट करते रहें कि उनका उद्देश्य किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं, बल्कि लोगों को जागरूक करना है।
दुर्ग एसपी का दुर्ग के लोगों को संदेश (हिंदी अनुवाद)
पिछले 13 महीनों में आपके सहयोग के लिए सभी मीडिया मित्रों का धन्यवाद।
दुर्ग पुलिस के काम को उजागर करने के लिए यूट्यूब चैनलों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का विशेष धन्यवाद।
दुर्ग में मेरे कार्यकाल के दौरान जिले के नागरिकों द्वारा बरसाए गए प्यार से मैं अभिभूत हूं।
यह मेरे लिए सीखने का बहुत अच्छा अनुभव था और मैं दुर्ग के सभी पुलिसकर्मियों को उनके पूरे दिल से सहयोग के लिए विशेष रूप से धन्यवाद देता हूं।
मैं भाग्यशाली रहा हूं कि मुझे दो बहुत ही अनुभवी एडिशनल एसपी और तीन युवा ऊर्जावान आईपीएस अधिकारियों की टीम मिली है। दुर्ग पुलिस टीम ने पिछले एक साल में कई उपलब्धियां हासिल की हैं, जिन्हें पूरे देश में मान्यता मिली है।
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