NEW DELHI. असंतुष्ट कांग्रेसी धड़े ‘समूह 23’ के प्रमुख नेता रहे और कांग्रेस छोड़ डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी का गठन करने वाले वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने अपनी हालिया किताब ‘आजाद’ से कांग्रेस आलाकमान सरीखे और उनके फर्माबरदार नेताओं रूपी बर्र के छत्ते को फिर छेड़ने जैसा काम किया है. इस किताब में गुलाम नबी आजाद ने जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ के कसीदे पढ़े हैं. वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने राजधानी दिल्ली में अपनी आत्मकथा ‘आजाद: एन आटोबॉयोग्राफी’ के विमोचन के मौके पर कहा, ‘सोनिया गांधी ने पार्टी के लिए बहुत कड़ी मेहनत की. अगर राहुल उनके मुकाबले 150 वां हिस्सा भी मेहनत कर लेते तो कांग्रेस पार्टी कुछ और होती. जाहिर है आलाकमान के नजदीकी नेताओं ने इसके लिए आड़े हाथों लिया.
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राहुल गांधी की वजह से आज वह कांग्रेस पार्टी का हिस्सा नहीं हैं. उन्होंने कहा कि साल 2013 में कैबिनेट को अपने निर्णय पर कायम रहना चाहिए था. अगर ऐसा किया जाता तो राहुल गांधी की सदस्यता आज बच जाती. उन्होंने राहुल पर चुटकी लेते हुए कहा, ‘खुद किए तुमने अपनी दीवारों पर सुराख अब अगर कोई झांक रहा है तो शोर कैसा.’ उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस में सोनिया गांधी की चलती तो मैं पार्टी के बाहर ही नहीं होता. न ही अब मल्लिकार्जुन खडगे कोई बड़ा निर्णय ले पाने में सक्षम हैं. उन्होंने कांग्रेस नेता जयराम रमेश पर कमेंट पर करते हुए कहा, ‘मैं 24 कैरेट कांग्रेसी हूं और वो 18 कैरेट हैं.’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस में नॉमिनेशन कल्चर बहुत गलत है. उन्होंने कहा, ‘मैंने कई बार ये मुद्दा उठाया है कि कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्यों का चुनाव होना चाहिए’ ब्लॉक, डिस्ट्रिक्ट और राज्य स्तर के चुनाव होने चाहिए’ ये सब चुनाव 25 पहले चुनाव होते थे’ इंदिरा गांधी ने नरसिम्हा राव तक चुनाव होते थे’
आजाद ने अपनी किताब में पीएम मोदी की भी तारीफ की हैं. आजाद ने कहा, ‘मैंने प्रधानमंत्री के साथ क्या किया, और उन्होंने मेरे साथ कैसा व्यवहार किया. इसका श्रेय मोदी को दिया जाना चाहिए. वे बड़े त्यागी हैं.’ गुलाम नबी आजाद ने पीएम मोदी को उदार बताते हुए कहा, ‘विपक्ष के नेता के तौर पर मैंने उनका कई बार विरोध किया. मैंने उन्हें धारा 370, सीएए और हिजाब के मुद्दे पर भी नहीं बख्शा, लेकिन मोदी ने कभी भी बदले की भावना नहीं रखी. वो हमेशा एक दिल वाले राजनेता की तरह पेश आए.’ प्रधानमंत्री मोदी के साथ अच्छे रिश्तों और बीजेपी से अपनी पार्टी के गठबंधन पर विमोचन के मौके पर आजाद ने कहा, ‘कोई भी अनटचेबल नहीं है. ये कानून भी गलत है. राजनिति में कोई भी हमेशा दोस्त और हमेशा दुश्मन नहीं होता. हार्ड कोर मैं एक क्षेत्रिय पार्टी का नेता नहीं हूं. मैंने हमेशा राष्ट्रीय पार्टी के लिए राजनिति की है.’
जाहिर है गुलाम नबी आजाद के इन आजाद बयानों के बाद कांग्रेस ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ टिप्पणियों के लिए हमला बोला. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आजाद पर लुटियंस बंगला के बदले अपनी वफादारी को ताक पर रखने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस ही थी, जिसने उन्हें एक बड़े नेता के रूप में उभरने के लिए सभी पद दिए. जिस नेता को कांग्रेस पार्टी ने इतना सपोर्ट किया, पार्टी के लगभग सभी शीर्ष पद दिए, वही आज उस पार्टी के खिलाफ बोल रहा है. उसने पार्टी का भरोसा तोड़ा और जब उन्होंने पिछले साल पार्टी छोड़ दी थी, तब उन्होंने कहा था मैं अब आजाद हूं, लेकिन उनकी टिप्पणियों को सुनने के बाद ऐसा लगता है कि वह (अभी भी) गुलाम हैं.’