MUMBAI. रतन टाटा के इंस्टाग्राम फॉलोअर्स की संख्या 85 लाख है। हालांकि, आपको जानकर हैरानी होगी कि वह केवल एक इंस्टाग्राम प्रोफाइल को ही फॉलो करते हैं। वह है चैरिटी संस्था टाटा ट्रस्ट, जिसके मालिक रतन टाटा हैं। इसकी स्थापना 1919 में हुई थी। टाटा ट्रस्ट भारत के सबसे पुराने बंदोबस्ती ट्रस्टों में से एक है। टाटा ट्रस्ट की स्थापना 1892 में ही कर दी गई थी, ताकि सामाजिक कार्यों के लिए धन की कमी न हो। टाटा संस टाटा समूह की सभी कंपनियों में प्रमुख निवेशक है और इसकी 66 प्रतिशत हिस्सेदारी टाटा ट्रस्ट के पास है। इस हिस्से से मिलने वाला लाभांश ट्रस्ट में जाता है, इसलिए दान के लिए धन की कोई कमी नहीं है।टाटा ट्रस्ट ही नहीं, जेएन टाटा एंडोमेंट, सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट, सर रतन टाटा ट्रस्ट, लेडी टाटा मेमोरियल ट्रस्ट, लेडी मेहरबाई डी. टाटा एजुकेशन ट्रस्ट, जेआरडी और थेल्मा जे. टाटा ट्रस्ट आदि कुछ ऐसे नाम हैं जो स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक विकास के क्षेत्रों में काम कर रहे हैं।
टाटा समूह ने हमेशा राष्ट्र कल्याण के बारे में सोचा
टाटा समूह ने देश की आजादी से बहुत पहले ही राष्ट्र के कल्याण के बारे में सोचना शुरू कर दिया था। इसलिए, जमशेद जी टाटा ने 1898 में अत्याधुनिक विज्ञान शिक्षा प्रदान करने के लिए भारतीय विज्ञान संस्थान की योजना तैयार की। जमशेद ने उस समय इस ट्रस्ट के लिए अपनी आधी निजी संपत्ति दान कर दी थी, जिसमें मुंबई में 14 इमारतें और चार भूखंड थे।
बाद में मैसूर के राजा ने भी दिया साथ
बाद में मैसूर के राजा ने भी उनका साथ दिया और बेंगलुरु में 300 एकड़ जमीन दी। फिर 1911 में भारतीय विज्ञान संस्थान की स्थापना की गई, जिसमें विश्वेश्वरैया, सीवी रमन और डॉ. होमी जहांगीर भाभा शामिल थे। उस समय इंग्लैंड में ऐसी संस्था थी ही नहीं। इस संस्थान में काम करते हुए सीवी रमन को 1930 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला।