INDORE. होली का त्योहार बीतने के बाद अब खरमास शुरू होने जा रहा है। इस साल 16 मार्च 2023 से खरमास या मलमास शुरू हो जाएगा। जिसका असर एक महीने तक रहेगा। इसकी वजह से एक महीने तक शुभ कार्यों पर रोक रहेगी। इस अवधि के दौरान कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किया जा सकता है क्योंकि इस अवधि के दौरान ग्रहों की स्थिति प्रतिकूल होती है।इंदौर के ज्योतिषाचार्य पंडित गिरीश व्यास ने बताया कि जब सूर्य एक राशि को छोड़कर दूसरी राशि में प्रवेश करता है, तो इसे संक्रांति कहते हैं। कहा कि एक साल में 12 संक्रांति होती हैं। जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है तो उसे धनु संक्रांति कहते हैं। जब मीन राशि प्रवेश करती है, तब उसे मीन संक्रांति कहते हैं। सूर्य के इन दोनों राशियों में प्रवेश को अशुभ समय माना जाता है। खरमास 15 मार्च 2023 से शुरू हो रहे हैं। इस दिन सूर्य देव प्रात: 06 बजकर 33 मिनट पर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इसे मीन संक्रांति कहते हैं। 15 मार्च 2023 से 14 अप्रैल 2023 की दोपहर 02:59 तक खरमास रहेगा।
सूर्य और गुरु दोनों का बल होता का कम
चूंकि कोई भी शुभ कार्य करने से पहले मुहूर्त जरूर देखा जाता है। इसलिए इन दो संक्रांति के दौरान गृह प्रवेश, विवाह और अन्य शुभ कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त आदि नहीं निकाले जाते हैं। इसलिए 16 मार्च 2023 से विवाह आदि के कार्यक्रम पर प्रतिबंध रहेगा। पंडित गिरीश व्यास ने बताया कि शास्त्रों के अनसुार, जब सूर्य का गोचर मीन राशि में होता है, तब उनका तेज कम हो जाता है और वह देवगुरु बृहस्पति की सेवा में रहते हैं। वहीं, सूर्य की वजह से गुरु ग्रह का बल भी कमजोर होता है।
कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं
इस दौरान घर का निर्माण या अचल संपत्ति की खरीदारी या ग्रह प्रवेश आदि का काम भी नहीं किया जाएगा। खरमास में नया काम और व्यापार नहीं करना चाहिए। इस दौरान धार्मिक अनुष्ठान नहीं करने चाहिए। हालांकि, दैनिक अनुष्ठान करना संभव है। इसके साथ ही 20 अप्रैल से विवाह कार्यों के अलावा गृह प्रवेश, मुंडन, छेदन संस्कार जैसे अन्य मांगलिक कार्यों की शुरुआत की जाएगी।