INDORE. चैत्र नवरात्रि 2023 की शुरुआत इस साल 22 मार्च से हो रही है। इसी दिन कलश स्थापना की जाएगी। चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होता है और चैत्र शुक्ल नवमी तिथि को महानवमी या दुर्गा नवमी होती है। इंदौर के ज्योतिषाचार्य पंडित गिरीश व्यास ने बताया कि इस साल चैत्र नवरात्रि पूरे 9 दिन की है।इन 9 तिथियों में मां दुर्गा के 9 स्वरुपों की पूजा करते हैं। फिर अगले दिन दशमी को हवन करके पारण होता है। हालांकि, कई स्थानों पर दुर्गाष्टमी या महानवमी के दिन हवन के साथ पारण होता है।धन और परिवार के कल्याण के लिए यह करें
उन्होंने बताया कि इस नवरात्रि में माता लक्ष्मी का प्रतीक श्रीयंत्र की पूजा करें। माता लक्ष्मी के आशीर्वाद से धन-संपत्ति में वृद्धि होगी। यदि आपके घर में श्रीयंत्र नहीं है, तो आप इसे पहले से खरीदकर ले आएं। वहीं, घर-परिवार के कल्याण के लिए आप मंत्र- “सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोस्तु ते।।” का जाप करें। इससे आपका और आपके परिवार का कल्याण होगा।
कलश स्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य गिरीश व्यास ने बताया कि चैत्र नवरात्रि के कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06.23 बजे से सुबह 07.32 बजे तक है. इस समय में आप विधि विधान से कलश स्थापना करें. फिर मां शैलपुत्री की पूजा करें. नवदुर्गा में मां शैलपुत्री प्रथम अवतार हैं. कलश के पास एक अखंड जोत जलाई जाती है.
चैत्र नवरात्रि के 9 शुभ दिन
पहला दिन: 22 मार्च, कलश स्थापना, मां शैलपुत्री की पूजा
दूसरा दिन: 23 मार्च, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
तीसरा दिन: 24 मार्च, मां चंद्रघंटा की पूजा
चौथा दिन: 25 मार्च, मां कूष्माण्डा की पूजा
पांचवा दिन: 26 मार्च, मां स्कंदमाता की पूजा
छठा दिन: 27 मार्च, मां कात्यायनी की पूजा
सातवां दिन: 28 मार्च, मां कालरात्रि की पूजा
आठवां दिन: 29 मार्च, मां महागौरी की पूजा
नौवां दिन: 30 मार्च, मां सिद्धिदात्री की पूजा