TIRANDAJ.COM. बसंत पंचमी के दिन विद्या, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है। हर साल माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इंदौर के ज्योतिषाचार्य पंडित गिरीश व्यास ने बताया कि इस बार बसंत पंचमी 26 जनवरी 2023 गुरुवार को पड़ रही है।
इस दिन मां सरस्वती की पूजा करते समय पीला वस्त्र, पीले फूल, गुलाल, अक्षत, धूप, दीप, सुगंध आदि अर्पित किए जाते हैं। पंडित गिरीश व्यास के अनुसार, पीला रंग जीवन में सकारात्मकता लाता है। इस रंग को एक नई किरण और नई ऊर्जा का प्रतीक भी माना जाता है। इसी वजह से बसंत पंचमी के दिन पीले रंग के वस्त्र धारण कर मां सरस्वती की पूजा की जाती है क्योंकि मां सरस्वती को पीला रंग अत्यंत प्रिय है।
मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती हाथ में वीणा लिए कमल पर विराजमान और पुस्तक लिए प्रकट हुईं। तभी से माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है। कहा जाता है कि बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा करने से मां सरस्वती के साथ मां लक्ष्मी और देवी काली की कृपा भी प्राप्त होती है।
बसंत पंचमी 2023 का शुभ मुहूर्त
माघ के शुक्ल पक्ष की पंचमी यानी बसंत पंचमी 25 जनवरी 2023 को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 26 जनवरी 2023 को सुबह 10 बजकर 38 मिनट पर समाप्त होगी। उदयतिथि के अनुसार, बसंत पंचमी का पर्व 26 जनवरी को मनाया जाएगा।
कोई भी शुभ काम करने के लिए मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं
पंडित गिरीश व्यास ने बताया कि बसंत पंचमी के दिन किसी भी शुभ काम को करने के लिए कोई मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं होती है। पूरा दिन ही शुभ होता है। इस दिन मुंडन, उपनयन, विवाह, गृह प्रवेश, वाहन खरीदी, घर खरीदी जैसा कोई भी शुभ काम पूरे दिन में कभी भी किया जा सकता है।