RAJNANDGAON. जिले के ऐतिहासिक डोंगरगांव क्षेत्र के एक गांव के ग्रामीण उस वक्त हैरान रह गए जब उन्होंने नलजल योजना के तहत नल कनेक्शन के लिए खुदाई कर रहे थे। अचानक उन्हें जमीन के अंदर से प्राचीनकालीन चांदी के 65 सिक्के और धातुओं के गहने मिले। जांच से पता चला कि ये मुगलकालीन हैं। गांववाले इसे लेकर योजना बना रहे थे कि सरपंच ने पुलिस से संपर्क करने की सलाह दी। अब मामला पुरातत्व वालों के पास पहुंच चुका है और उनके लिए भी ये किसी आश्चर्य और कौतुहल से कम नहीं है। माना जा रहा है कि इससे मुगलकालीन दौर और छत्तीसगढ़ के बीच संबंधों का नया अध्याय भी खुल सकता है।
दरअसल, राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव क्षेत्र के ग्राम बरगांव चारभाठा में गांव वाले नल-जल योजना के तहत अपने गांव की गली में खुदाई कर रहे थे। तभी उन्हें जमीन के नीचे से पुराना मिट्टी का पात्र जैसा दिखाई दिया। ग्रामीणों ने उसे खोदकर बाहर निकाला। तब उस बर्तन में पुराने जमाने के चांदी के सिक्के दिखे। गिनकर देखे तो ये 65 की संख्या में थे। इसी तरह उन्हें धातु से निर्मित आभूषण भी उसमें मिले। खास ये कि सिक्कों में जो लिखावट है वह फारसी में है। लिहाजा इसे मुगलकालीन माना जा रहा है।
दो दिनों तक रखे रहे, समझाइश पर किया सुपर्द
सिक्के व गहने जिस ग्रामीण को मिले थे, उसने दो दिनों तक उसे अपने पास ही रखा हुआ था। लेकिन, इनके ऐतिहासिकता को देखते हुए गांव के सरपंच ने उसे समझाइश दी और इसके महत्व के बारे में बताते हुए उसे संभावित डर के बारे में भी बताया। तब वह माना और फिर पुलिस के सुपुर्द किया गया। वहीं पुलिस की ओर से मामले की जानकारी कलेक्टर को दी गई। तब पुरातत्व विभाग को भी सूचना दी गई। मामले में डोंगरगांव थाना प्रभारी भरत बरेठ का कहना है कि पुरातत्व विभाग की टीम क्षेत्र का सर्वे कर रही है। अब वे ही बताएंगे कि सिक्के असल में किस काल के हैं। फिलहाल तो इन्हें मुगलकालीन ही माना जा रहा है।
ये कर रहे जांच
प्राचीनकालीन सिक्कों की जांच में पुरातत्व विभाग से उपसंचालक प्रताप पारख, संरक्षक डॉ. राजीव मिंज, डॉ. विश्योत्तम साहू की टीम लगी हुई है। वे पूरे क्षेत्र का निरीक्षण कर रहे हैं। उन्हें यहां चांदी के 65 सिक्कों के साथ ही गहनों के रूप में दो ऐंठी व तीन अन्य आभूषण मिले हैं। बहरहाल इनकी जांच जारी है।