RAIPUR. कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित फिल्म ‘भूलन द-मेज’ की स्क्रीनिंग का आयोजन किया गया। स्क्रीनिंग में फिल्मकार राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक मनोज वर्मा और इस फिल्म के कलाकार भी उपस्थित रहे।
मनोज वर्मा ने विद्यार्थियों के साथ अपने फिल्म से जुड़े अनुभव साझा किए और फिल्म को बनाने से लेकर पुरस्कार पाने तक की चुनौतियां एवं उपलब्धियों के बारे में बताया। मनोज वर्मा ने कहा कि संजीव बक्शी के उपन्यास भूलन कांदा पर आधारित यह फिल्म छत्तीसगढ़ की संस्कृति और लोक प्रचलित मान्यताओं को कहानी का रूप देकर लिखी गई है। ऐसी लोकमान्यता कि महुआ भाटा के जंगल में भूलन के पौधे पर पैर पड़ जाने से आदमी रास्ता भूल जाता है। रास्ता भूलने की इस घटना के साथ भोले-भाले ग्रामीणों का न्याय के लिए संघर्ष के माध्यम से कानूनी व्यवस्थाओं पर गंभीर चोट करता है।
स्क्रीनिंग में जनसंचार विभागाध्यक्ष डॉ. शाहिद अली ने कहा कि यह फ़िल्म छत्तीसगढ़ के फ़िल्म निर्माण और यहां की संस्कृति को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान देती है और उन्होने फिल्म की सफलता के लिए मनोज वर्मा और उनकी पूरी टीम को बधाई दी। साथ ही कहा कि विभाग द्वारा इस तरह के आयोजन होता रहेगा, ताकि छात्र मीडिया से जुड़े हुए सभी विषयों की बारीकी को समझ सकें।