BILASPUR. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले सहित संभाग के अन्य जिलों में किसान इस बार रबी की फसल में धान की खेती नहीं कर पाएंगे। संभाग के अंतर्गत कोरबा, जांजगीर-चांपा, रायगढ़, मुंगेली और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में धान की खेती नहीं कर सकेंगे। दरअसल कृषक चाहें तो सब्जियां और दलहन-तिलहन अवश्य उगा सकते हैं। यह निर्णय बिलासपुर संभाग के कमिश्नर डॉ.संजय अलंग की अध्यक्षता में संभाग स्तरीय जल उपयोगिता समिति की बैठक में लिया गया है।
इस दौरान संभाग के सभी छोटे और बड़े जलाशयों में जल की उपलब्धता की रिपोर्ट मांगी गई और उसी के अनुसार यह तय किया गया है। प्रदेश के किसान प्राय: जब भी खेती का मौका मिलता है, वह धान ही उगाना पसंद करते हैं। बीते वर्षों में जब बांध में पर्याप्त पानी रहता था तब रबी फसल में भी वे धान ही बोया करते रहे है। मगर विगत सालों में (बीते वर्ष को छोड़कर) जलाशय अपनी क्षमता के अनुरूप नहीं भर पा रहे हैं। इस बार भी उसी तरह की स्थिति है। बिलासपुर संभाग के कृषक भी रबी में धान की फसल लेने की प्लॉनिंग कर रहे थे। उन्हें इससे झटका लगा है। संभाग आयुक्त डॉ.संजय अलंग ने स्पष्ट कर दिया है कि जब बांधों में इतना जल ही नहीं है, जितने में धान की फसल ली जा सकें तो उन्होंने इससे साफ मना कर दिया है।
इसके साथ ही सभी बांधों में 30 फीसदी जल आपात स्थिति के लिए भी बचाकर रखना है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संभाग के सभी जिलों के कलेक्टरों और कृषि उप संचालक के साथ ही समिति से जुड़े जनप्रतिनिधि भी जुड़े हुए थे। चर्चा में यह भी जानकारी दी गई कि जिन किसानों को दलहन-तिलहन व सब्जियां उगाना पहले से तय कर लिया गया था वे इन्हें लगा चुके हैं। कुल 40 फीसदी भूमि पर चना, गेहूं, सरसो, तिवरा और मटर लगाया गया है।
– बांधों में इस तरह उपलब्ध है जल
-: बड़े प्रोजेक्ट
मिनीमाता बांगो बांध : 82 फीसदी
खारंग : 88 फीसदी
मनियारी : 100 फीसदी
अरपा भैंसाझार बैराज : 42 फीसदी
केलो परियोजना : 96 फीसदी
-: मध्यम प्रोजेक्ट
घोंघा बांध : 59 फीसदी
केदार जलाशय : 96 फीसदी
पुटका जलाशय : 48 फीसदी
किंकारी जलाशय : 62 फीसदी
खम्हार पाकुट जलाशय : 65 फीसदी
दूसरे फसलों के लिए प्रेरित कर रही सरकार
चर्चा है कि खरीफ फसल में प्रदेश में धान की पैदावार इतनी हो रही है कि समर्थन मूल्य पर खरीदी करने को सरकार भी तैयार नहीं हो रही है। इसी के चलते न सिर्फ कुल उत्पादन में एक निश्चित फीसद की ही खरीदी की सीमा फिक्स कर दी गई है। इसके साथ ही रकबा कम करने के लिए खरीफ में भी कृषकों को दूसरी फसल लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। अब रबी फसल में भी कृषक धान उगाएंगे तो मार्केट में यह और भी अतिरिक्त हो जाएगा। लिहाजा सरकार किसी भी हाल में नहीं चाहती कि किसान रबी में भी धान की फसल लें।
Bilaspur, Bilaspur District Administration, Bilaspur Division, bilaspur news, Chhattisgarh, chhattisgarh farming news, Chhattisgarh News, Chhattisgarh State, Farmers will not be able to grow paddy in Chhattisgarh, Government of Chhattisgarh, Paddy crop, Paddy Cultivation, Raipur, Raipur News, rice bowl chhattisgarh, tirandaj news, tirandaj.com