GARIYABAND. जब कोई पुराना अधिकारी रिश्वत लेते पकड़ा जाता है तो कहते हैं कि भ्रष्टाचार के दलदल फंसा ये अफसर इसकी चाशनी की मिठास जान चुका है। नए-नवेले को लेकर कहा जाता है कि अभी इसमें कुछ कर गुजरने का जुनून होगा तो ये अभी कम से कम भ्रष्टाचार के तीन-पांच से दूर ही रहेगा। लेकिन, गरियाबंद में डिप्टी कलेक्टर ने इस अवधारणा को तोड़ दिया है। महज आठ महीने पहले प्रोबेशन पूरा कर गरियाबंद जनपद सीईओ के रूप में पहली मैदानी पोस्टिंग पाई थी और अब बोरवेल खनन का बिल पास करने के एवज में 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया है। एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।
दरअसल, डिप्टी कलेक्टर करुण डहरिया गरियाबंद जनपद सीईओ के रूप में पदस्थ है। इधर, गांवों में 15 वें वित्त मद से बोर खनन का काम किया जा रहा है। बोर करने का ठेका जिस ठेकेदार के पास है उसने बिल पास कराने के लिए फाइल सीईओ डहरिया के समक्ष पेश किया। इस पर वह साइन करने के एवज में ठेकेदार से 20 हजार रुपये की रिश्वत की मांग करने लगा। ठेकेदार ने भी इस मामले की शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो में कर दी।
फिर क्या था, एसीबी के अफसरों ने पहले तो मामले की छानबिन की फिर ठेकेदार के साथ योजनाबद्ध तरीके से डिप्टी कलेक्टर करुण को पकड़ने की योजना बनाई। तय योजना के मुताबिक ठेकेदार 20 हजार रुपये लेकर अफसर के पास गया। जैसे ही डिप्टी कलेक्टर ने रकम अपने हाथ में ली, एसीबी की टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। अब आगे की कार्रवाई की जा रही है। माना जा रहा है कि उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। फिलहाल अभी मामले को जांच में लिया गया है।
2017 बैच का अफसर, जांजगीर में पूरी की प्रोबेशन अवधि
गिरफ्तार किया गया डिप्टी कलेक्टर करुन डहरिया 2017 बैच का राज्य प्रशासनिक सेवा संवर्ग का अफसर है। परिवीक्षा की अवधि में उसकी पोस्टिंग जांजगीर-चांपा जिले में डिप्टी कलेक्टर पोस्ट पर की गई थी। वहीं प्रोबेशन अवधि पूरी कर लेने पर मार्च 2022 में पहली मैदानी पोस्टिंग के रूप में उसे गरियाबंद जनपद पंचायत का सीईओ बनाया गया। वहीं अब इन आठ महीनों की अवधि में ही उसने रिश्वतखोरी का ये बड़ा कांड कर दिया।