KANKER. क्या कोई जानवर अपनी ही मौत का बदला ले सकता है। मतलब कोई मुर्दा जानवर अपनी मौत का बदला ले सकता है। अगर आपको यकीन न हो तो इस खबर को पढ़ने के बाद आपको भरोसा हो जायेगा। मृत बाघ ने देश के कानून की मदद से दो लोगों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। कभी सीता या इंद्रावती नदी के पास रहने वाले बाघ ने ऐसा किया है।
कांकेर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अविनाश ठाकुर के अनुसार करीब 10 साल के बाघ की पशु तस्करों ने हत्या कर दी थी। बाघ की हत्या उसकी खाल, नाखून, दांत आदि के लिए की गयी थी। तस्करों ने बाघ को मार तो दिया, लेकिन मृत बाघ की खाल ही तस्करों के लिए जेल का इंतजाम करने वाली साबित हुई। रविवार को जब तस्कर बाघ की खाल लेकर उसे बेचने जा रहे थे तो इसकी सूचना पुलिस को मिल गयी। पुलिस को बताया गया की एक सफ़ेद रंग की स्कार्पियों गाड़ी से कुछ लोग सरोना दुधावा की ओर से कांकेर की ओर आ रहे हैं।
पुलिस ने पुरियारा पुल के पास संदिग्ध गाड़ी को रोका और उसकी तलाशी ली तो सीट के नीचे से एक बोरी में बाघ की खाल बरामद की गयी। पुष्टि के लिए वन विभाग की टीम को बुलाया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के अनुसार बरामद खाल की कीमत 50 लाख है। पुलिस ने स्कॉर्पियो सवार दोनों लोगों को हिरासत में लेकर गाड़ी भी जप्त कर ली है। दोनों आरोपियों ने कुछ और लोगों के नाम बताये हैं। पुलिस अब उनकी तलाश कर रही है।
तस्करी के आरोप में ये पकड़े गए
तस्करी के आरोप में पकड़े गए व्यक्तियों के नाम नरोत्तम निषाद और मदनलाल मरकाम बताये गए हैं। 28 साल नरोत्तम भर्रीपारा दुधावा का निवासी है। जबकि दूसरा आरोपी 35 साल का मदन लाल बरबांधा सिहावा जिला धमतरी में रहता है।