SURAJPUR. पंचायत वेब सीरीज में बनराकस ने बिनोद को एक पंचायत की अनियमितता ही दिखाई थी, लेकिन हम जो वीडियो दिखा रहे हैं वह तो शिक्षा के मंदिर का मामला है। वह भी ऐसा वैसा नहीं, आईटीआई जैसा तकनीकी संस्थान का, जिससे बच्चों और देश का भविष्य जुड़ा हुआ है। यहां प्रिंसिपल छात्रों को परीक्षा पास कराने के एवज में पांच-पांच सौ रुपये के नोट लेते दिख रहा है। अब जो नहीं दिख रहा है वह भी जान लें, पैसे नहीं देने पर उसी प्राचार्य ने 25 छात्रों का नाम ही काट दिया है, जिसकी शिकायत बकायदा कलेक्टर तक से की गई है। छात्रों ने भी मांग पूरी नहीं होने पर तालाबंदी और धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दी है। पूरा मामला सूरजपुर जिले के चेंद्रा आईटीआई का बताया जा रहा है।
वायरल वीडियो में चेंद्रा आईटीआई का प्राचार्य छात्रों से पैसा लेने हुए दिख रहा है। इसमें स्पष्ट दिख रहा है कि वह पांच-पांच सौ रुपये के नोट रख रहा है और छात्रों से इस बारे में बात भी कर रहा है। माना जा रहा है कि छात्रों में से ही किसी ने अपने मोबाइल से गुपचुप तरीके से यह वीडियो बना लिया होगा। बात यही तक रहती तो वायरल वीडियो को फर्जी करार कर दिया जाता कि फंसाने के लिए ऐसा हथकंडा अपनाया गया है। लेकिन, ऐसा नहीं है। पैसे नहीं देने पर जिन 25 छात्रों का नाम काट दिया गया है उन्होंने बकायदा इसकी शिकायत नोडल अधिकारी और कलेक्टर से की है। इसमें उन्होंने प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई करते हुए न्याय की मांग की है। उनका कहना है कि यदि नाम काटा गया है तो हमारी पढ़ाई और कॅरियर ही बर्बाद हो जाएगा।
वापस नाम जोड़ना मुश्किल
एक चौंकाने वाली बात आईटीआई के नोडल अधिकारी रामबदन राम ने कही है। उनका कहना है कि जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार प्रिंसिपल सत्य प्रकाश मिश्रा ने बच्चों से मांग की थी। जिन्होंने रकम नहीं दी उन्हें प्रताड़ित करने के लिए उनका नाम काट दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि यदि किसी भी वजह से नाम काटा गया है तो वापस नाम को शामिल करना संभव ही नहीं है। मतलब साफ है कि इन बच्चों की पढ़ाई बर्बाद हो सकती है। बहरहाल उन्होंने इस मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को देने की कही है।