तीरंदाज न्यूज, इंदौर। शारदीय नवरात्र आश्विन (क्वार) मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर नवमी तिथि तक मनाई जाती है। शारदीय नवरात्र को शरद नवरात्र भी कहा जाता है। इस साल शारदीय नवरात्र 26 सितंबर को शुरू होगी और चार अक्टूबर को नवमी तक रहेगी। इंदौर के ज्योतिषाचार्य पंडित गिरीश व्यास ने बताया कि इस बार देवी का आगमन हाथी पर हो रहा है। माता के हाथी पर आगमन देश के लिए सामान्य फलदायक और वर्षा कारक होगा। पांच अक्टूबर को विजयादशमी का पर्व मनेगा।
शारदीय नवरात्र में इस बार किसी तिथि का लोप नहीं होने से नवरात्र पूरे नौ दिन की होगी। शारदीय नवरात्र में घर-घर में कलश स्थापना कर आदि शक्ति माता भवानी की आराधना होगी। घरों में माता भवानी के नौ रूपों की आराधना की तैयारी की जा रही है।
देवी मंदिरों और शक्तिपीठों की विशेष साफ-सफाई और रंगाई-पुताई हो रही है। ऐसा दो साल बाद भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। माना जा रहा है कि लगादार दो साल वैश्विक महामारी कोरोना व प्रतिबंधों के साथ पूजा की अनुमति से कम भक्त आए थे। इस बार प्रतिबंध न होने से काफी भीड़ होने की उम्मीद के चलते विशेष तैयारी हो रही है।
यह रहेगा शुभ मुहूर्त आचार्य गिरीश व्यास के अनुसार, उदय कालिक प्रतिपदा 26 सितंबर सोमवार को है। इस बार दिनभर कलश स्थापना शुभ है। अभिजीत मुहूर्त का समय सुबह 11.36 से 12.24 तक रहेगा। शुभ चौघड़िया मुहूर्त सुबह 6 से 7.30 बजे, सुबह 9 बजे से 10.30 बजे और दोपहर 1.30 बजे से शाम 6 बजे तक है।