बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में रविवार को ऐसा वाकया सामने आया जो बहुत ही कम देखने को मिलता है। दरअसल एक मामले में हाईकोर्ट को छात्रा की जिद के आगे झुकना पड़ा। यह मामला मेडिकल कॉलेज में दाखिले से जुड़ा हुआ है। पात्र होने के बाद भी मेडिकल कॉलेज में दाखिला नहीं मिलने के कारण छात्रा ने याचिका दाखिल की थी। इस पर तत्काल सुनवाई की भी मांग की।
हाईकोर्ट ने छात्रा की याचिका को गंभीरता से लिया और मामले में रविवार को सुनवाई की। हाईकोर्ट दोनों याचिका पर गौर किया और पूरी बात सुनने के बाद इस पर सोमवार को अंतिम सुनवाई करने का निर्णय लिया। अब इस मामले में सोमवार को अंतिम सुनवाई होगी।
मिली जानकारी के अनुसार बिलासपुर की राधिका मंगतानी नीट 2021 की परीक्षा में शामिल हुईं थी। जिसमें उन्हें 915 वीं रैंक मिली। इसके बाद राधिका काउंसलिंग की पहली राउंड में शामिल हुईं। पहले राउंड में उसे दाखिला नहीं मिला। इसके बाद दूसरे राउंड में वह शामिल नहीं हो पाईं। इसके बाद तीसरा राउंड शनिवार को होना था। छात्रा का आरोप है कि वह तीसरे राउंड के लिए गई लेकिन उसे शामिल होने नहीं दिया गया।
इसे लेकर छात्रा राधिका ने शनिवार को ही अपने वकील हर्षमंदर रस्तोगी के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में छात्रा ने बताया कि अनारक्षित वर्ग में उसे 915वीं रैंक मिली थी। इसके बावजूद तीसरे राउंड में उसे दाखिला नहीं दिया गया। इस मामले में छात्रा के वकील ने इस मामले में तुरंत सुनवाई की मांग की थी। इस वजह से कोर्ट ने रविवार को सुनवाई की है।
कोर्ट ने मॉपअप राउंड पर लगाई रोक
इस मामले में न्यायाधीश गोतम भादुड़ी और गौतम चौरड़िया की डबल बैंच ने रविवार को छुट्टी होने के बाद भी सुनवाई की। डबल बेंच ने सुनवाई करते हुए अनारक्षित वर्ग के तीसरी और मॉपअप राउंड में अंतिम सुनवाई तक रोक लगा दिया है। कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में सोमवार को अंतिम सुनवाई की जाएगी।