तीरंदाज डेस्क। देश में आने वाले दिनों में महंगाई का मास्टर स्ट्रोक लगने वाला है। देश में लोगों को अब खाद्य तेलों के लिए और अधिक कीमत चुकानी होगी। पाम तेलों का प्रमुख निर्यातक देश इंडोनिशिया ने 28 अप्रैल से पाम तेलों के निर्यात पर रोक लगाने का फैसला किया है। इसका सीधा असर भारतीय बाजार पड़ेगा। जल्द भारत ने पाम ऑयल के आयात के लिए अन्य विकल्प तैयार नहीं किए तो खाद्य तेलों की महंगाई अपने चरम पर होगी।
बता दें इंडोनेशिया पाम तेल का सबसे बड़ा उत्पादक है। इंडोनिशिया के बाद मलेशिया दूसरा बड़ा पाम उत्पादक देश है। भारत को 70 फीसदी पाम तेलों इंडोनेशिया निर्यात करता है। वहीं 30 फीसदी मलेशिया निर्यात करता है। 28 अप्रैल से इंडोनेशिया द्वारा निर्यात पर बैन लगाए जाने के बाद देश के लिए पर्याप्त मात्रा में पाम तेल का निर्यार्त करा पाना संभव नहीं होगा जिससे खाद्य तेलों की महंगाई आउट ऑफ कंट्रोल होने वाली है।
मिली जानकारी के अनुसार 2020-21 में भारत ने 83.1 लाख टन पाम तेल आयात किया था। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इंडोनेशिया के इस कदम के बाद भारत में पाम तेल का आयात बुरी तरह प्रभावित होगा। एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि भारत को पाम तेलों के लिए अब मलेशिया पर निर्भरता बढ़ानी होगी। हालांकि मलेशिया से एक साथ इतना ज्यादा पाम ऑयल के निर्यात की उम्मीद नहीं की जा सकती।
इंडोनेशिया ने पहले भी लगाया था बैन
इससे पहले भी इंडोनेशिया ने जनवरी में पाम तेल के निर्यात पर बैन लगाया था, हालांकि इसे मार्च में हटा लिया गया था। लेकिन इस बार जो प्रतिबंध का एलान किया गया है, उसके बारे में कहा गया है कि अगले नोटिस तक इसपर प्रतिबंध जारी रहेगा। बता दें वर्तमान में देश में खाद्य तेलों का भाव पहले से आसमान पर है। देश में खाद्यतेलों का औसतन भाव 200 रुपए प्रतिलीटर तक पहुंच गया है जो आने वाले समय में और बढ़ने की संभावना है।
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