रायपुर। अपनी मांगों पर अड़े नया रायपुर के किसान अपनी मांगों को आगे बढ़ाते हुए आज मंत्रालय के लिए निकले। लंबे समय से आंदोलनरत किसानों के मंत्रालय जाते समय गांवों से भी लोग शामिल हुए। मंत्रालय पहुंचकर सभी विभागों में पत्र सौंपा गया।
इधर किसी गड़बड़ी की आशंका में किसानों को रोकने के लिए प्रशासन ने बड़े स्तर पर तैयारी कर रखी है। बड़े पैमाने पर पुलिस फोर्स तैनात किया गया है। मंत्रालय जाने वाले मार्गों को चारों ओर से सील कर दिया गया है। 500 से अधिक अधिकारी और जवान यहां मौजूद हैं। 4 आईपीएस अधिकारी कमान संभाल रहे हैं। 25 से अधिक डीएसपी, 6 एडिशनल एसपी के साथ 35 से अधिक निरीक्षक भी तैनात किए गए हैं।
आंदोलनरत किसानों के मामले के अनुसार 27 गांवों की जमीन लेकर नवा रायपुर इलाका विकसित किया गया है। अपनी जमीन देने वाले किसानों को अब तक अपने हक के लिए भटकना पड़ रहा है। किसानों का कहना है हम चाहते हैं कि किसानों को चार गुना मुआवजा दिया जाए। हर परिवार को 1200 स्क्वेयर फीट जमीन दी जाए, जिन किसान परिवारों ने अपनी जमीन एनआरडीए को दी उनके बेरोजगार युवकों को रोजगार दिया जाए।
बता दें कि देशभर में किसान आंदोलन पिछले सवा साल से चर्चा में रहा है। वह आंदोलन तो खत्म हो गया, लेकिन नवा रायपुर इलाके में किसानों का आंदोलन जारी है। आज के प्रदर्शन के तहत किसान छत्तीसगढ़ के वर्तमान सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं। मामले में नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के नेता रूपनलाल चंद्राकर ने कहा कि भूपेश सरकार का ये फैसला तो भाजपा सरकार के समय ही हो चुका था।
नवा रायपुर निर्माण से प्रभावित किसान कल्याण संघ के नेता साकेत चंद्राकर के मुताबिक 27 गांवों की जमीन लेकर नवा रायपुर इलाका विकसित किया गया है। अपनी जमीन देने वाले किसानों को आज तक उनके हक के लिए भटकना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले भी किसान इन मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे थे। तब कांग्रेस पार्टी ने इन मांगों को पूरा करने का वादा किया था, मगर बीते 3 साल में वादे पूरे नहीं हुए। इस वजह से लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है।
(TNS)