रायपुर। अपराध के बाद आपराधी कानून की सजा से बचने के लिए किस-किस तरह से बचने की कोशिश करते हैं, इसका उदाहरण राजधानी में सामने आया है। बिहार से हत्या कर एक हत्यारा छत्तीसगढ़ में आराम से रह रहा था, वो भी एक आईएएस के यहां। फिर भी कानून से बच नहीं पाया।
रायपुर में एक हत्या का आरोपी छुपकर आईएएस अफसर के घर बावर्ची का काम कर रहा था, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह मामला सामने आने के बाद राजधानी में हड़कंप मच गया है। बता दें कि वारदात के अक्सर अपराधी या तो फरार हो जाता है या अपने को पुलिस के हवाले कर देता है, मगर कुछ अपराधी लुका-छुपी का खेल खेलना शुरू कर देते हैं। पर ऐसा ज्यादा दिनों तक नहीं चलता।
ये है मामला
गंज थाना पुलिस के अनुसार बिहार के गया जिले के मोहनपुर थाना क्षेत्र में फरवरी में एक आटो मोबाइल कारोबारी की हत्या हुई थी। उसके बाद आरोपी वहां से फरार हो गया था। उसका कहीं कोई पता नहीं चल पा रहा था, पर साइबर सेल की मदद के साथ मुखबिरों की मदद से बिहार पुलिस आरोपी तक पहुंच ही गई।
हत्यारा बिहार से भागकर रायपुर के गंज थाना इलाके में बाबर्ची का काम करते हुए छिप कर रह रहा था। हत्यारे बिगन राम को बिहार पुलिस ने रायपुर पुलिस की मदद से आईएएस कालोनी से एक अधिकारी के यहां से गिरफ्तार किया है।
बिहार पुलिस जब गंज थाना पुलिस के साथ आरोपी को गिरफ्तार करने पहुंची उस दौरान वह खाना बनाते हुए घर वालों से मोबाइल पर बात कर रहा था। उसे गिरफ्तार कर आरोपी बिगन राम को लेकर बिहार पुलिस रवाना हो गई है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बिगन राम ने फरवरी में अमित कुमार सिंह नामक एक ट्रैक्टर शो रूम मालिक की हत्या कर दी थी। हत्या के बाद वह रायपुर आकर छिप गया। यहां एक आईएएस अधिकारी के यहां बावर्ची की नौकरी भी हासिल कर ली। तकनीकि सक्ष्यों के आधार पर बिहार पुलिस रायपुर पहुंची और रायपुर पुलिस की मदद से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
हत्यारे का आईएएस के यहां काम करने के सवाल पर गंज थाना प्रभारी दुर्गेश रावटे ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। रावटे ने बताया कि आरोपी का लोकेशन बिहार पुलिस को रायपुर में होने का मिला था। आरोपी यहां से भी फरार होने की फिराक में था। इसी बीच रायपुर पुलिस और बिहार पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में आरोपी को पकड़ा गया है।
..तो फिर किसके यहां काम कर रहा था
मामले में थाना प्रभारी यह नहीं बता पाए कि किसके यहां काम कर रहा था। बता दें कि नियमानुसार किसी को काम पर रखने से पहले पुलिस वैरिफिकेशन कराना आवश्यक है। ऐसा नहीं करने पर अगर कोई घटना या वारदात हो जाती है तो काम पर रखने वाले पर पुलिस कार्रवाई का प्रावधान है।
उठाए जा रहे हैं सवाल
राजधानी में एक जिम्मेदार अधिकारी के यहां संगीन आरोपी की गिरफ्तारी के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। आखिर हत्या के आरोपी को किसकी पहचान के आधार पर आईएएस के यहां नौकरी कैसे मिल गई। अधिकारी ने उसका वैरिफिकेशन क्यों नहीं करवाया। क्योंकि ऐसे में हर समय बड़ी वारदात होने की आशंका बनी हुई थी।
(TNS)