रायपुर। पंजाब विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड तोड़ जीत से उत्साहित आम आदमी पार्टी (AAP) की नज़र अब देश के छोटे राज्यों पर है। इसी क्रम में पार्टी प्रमुख अरविन्द केजरीवाल ने अपनी एक खास टीम छत्तीसगढ़ में उतर दी है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के वे दिग्गज आप के संपर्क में हैं जो पार्टी से संतुष्ट नहीं हैं। कुछ आदिवासी नेता भी आप से पींगें बढ़ा रहे हैं।
पंजाब चुनाव में जीत के बाद आम आदि पार्टी की नज़र छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा जैसे देश के छोटे राज्यों पर है। दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय रायपुर में आकर जायजा ले चुके हैं। उनके साथ दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल की खास टीम भी आयी थी। माहौल बनाने के लिए 21 मार्च को छत्तीसगढ़ बदलवो रैली का भी आयोजन किया गया था। पार्टी जितना ऊपरी तौर पर काम कर रही है, उतना ही जमीन के नीचे काम चल रहा है।
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के एक बड़े असंतुष्ट नेता के साथ ही कुछ और नेता आप के संपर्क में हैं। इनमें एक मंत्री स्तर के नेता की भी चर्चा है। बताया जा रहा है कि यदि बात बन जाती है तो वे आप की ओर से सीएम का चेहरा हो सकते हैं। भाजपा के भी कुछ किनारे किये जा रहे दिग्गज आम आदमी पार्टी में संभावनाएं तलाश रहे हैं। कुछ बड़े आदिवासी नेताओं के भी नाम आप से संपर्क करने वालों की सूची में हैं।
पंजाब की तरह मानी जा रही छत्तीसगढ़ की स्थिति
आप नेता छत्तीसगढ़ की स्थिति को पंजाब की तरह मान रहे हैं। जिस तरह पंजाब में सत्ताधारी कांग्रेस में गुटबाजी थी, उसी तरह की गुटबाजी छत्तीसगढ़ में है। आम आदमी पार्टी ने हल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को ही पहुँचाया है। गोवा और उत्तराखंड में जो भी सीटें आप की झोली में आईं, उनमें से अधिकतर कांग्रेस के पास थीं। लेकिन पंजाब में चन्नी, सिद्धू गुट में बंटी कांग्रेस को हराना आप के लिए आसान रहा।
दो दल वाले राज्यों में आप सफल
आम आदमी पार्टी का रिकॉर्ड रहा है कि जिस भी राज्य में दो ही दल प्रभावशाली हैं, वहां पार्टी को सफलता मिली है। इसी गणित के अनुसार आप नेता छत्तीसगढ़ में बड़ा फेरबदल होने की उम्मीद में लगा रही है।