रायपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले ही यूपी में सियासत कर रहे हैं और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिए मैदान में उतरे हैं। मगर, उनके कार्यों, देश प्रेम, समर्पण की वजह से दूसरे राज्यों में भी उनके चाहने वालों की कमी नहीं है। छत्तीसगढ़ की शीला गोयल ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के विषय में रोम-रोम को उत्तेजित करने वाली पंक्तियां लिखी हैं, जिन्हें शताब्दी पांडेय ने आवाज दी है। आप भी इस वीडियो में सुनिए…
आंधियों ने गोद में हमको खिलाया है न भूलो,
कंटकों ने सर हमें सादर झुकाया है न भूलो।
सिंधु का मथ कर कलेजा, हम सुधा भी शोध लाए,
और हमारे तेज से सूरज लजाया है न भूलो।
योगी का सारा अस्तित्व देश प्रेम के सरोकारों से लबालब है। तापस सा जीवन है। भारतीय संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए उनके रोम-रोम में त्याग की भावना भरी है। भारतीय संस्कृति के मूल्यों के विस्तार की अदम्य अभिलाषा है। वे सनातन धर्म के मूल्यों के सजग प्रहरी हैं। तपस्या, त्याग, समर्पण यदि भारतीय संस्कृति के मूल भारत की मिट्टी में न होते… तो कोई गौतम नहीं होता, कोई मोदी नहीं होता। कृष्ण का निष्काम प्रेम भारतीय जन-मानस में नहीं होता, कोई आदित्यनाथ नहीं होता, कोई योगी नहीं होता। आदित्यनाथ योगी के विषय में कुछ कहना यानी देशप्रेम, त्याग, समर्पण के साकेत धाम और राष्ट्र निष्ठा, राष्ट्र प्रेम और राष्ट्र सेवा, राष्ट्र के लिए निष्काम प्रेम की श्रीवृंदावन धाम की यात्रा करना है। योगी तापस हैं, वीर हैं, धुरंधर हैं, योद्धा, राजनीतिज्ञ हैं, वे सभी क्षेत्रों में गतिशील हैं।
मस्त योगी हैं कि हम सुख देखकर सबका सुखी हैं
और अजब मन है कि दुख देखकर सबका हम दुखी हैं।
तुम हमारी चोटियों की बर्फ को यूं मत कुरेदो,
दहकता लावा है कि हम ज्वालामुखी हैं।
कई पुरस्कार पा चुकी हैं शताब्दी
शीला गोयल की लिखी पंक्तियों को आवाज दी है शताब्दी पांडेय ने, जिन्हें आकाशवाणी रायपुर में नैमित्तिक उद्घोषक का 7 वर्ष का अनुभव है। इसके साथ ही उन्हें राष्ट्रीय युवा सम्मान 2000 (लाल कृष्ण आडवाणी जी के हाथों), राज्य अलंकरण मिनीमाता सम्मान 2005 (माननीय अटलबिहारी बाजपेयी के कर कमलों से), राष्ट्र्पति पुरस्कार 2008 (प्रतिभा पाटिल द्वारा प्रदत्त), बाल संरक्षण विषय पर एक वर्ष में 1400 से अधिक व्याख्यान देने के लिए गोल्डनबुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड 2016 दिया गया है।