बालोद। जिले में एक अनोखी बारात चर्चा हो रही है। दरअसल यहां एक युवक ने अपनी शादी की बारात कार व घोड़ों की जगह बैलगाड़ी पर निकाली। बैलगाड़ी पर निकाली गई यह बारात लोगों के लिए खासा आकर्षण का केन्द्र रही। जहां से यह बारात गुजर रही थी वहां लोगों को जमावड़ा लग रहा था।
बैलगाड़ी पर निकली इस बारात में लोग नाच गा रहे थे। बैंड की धुन पर लोग बैलगाड़ी की बारात में रिश्तेदार झूम रहे थे। दिन भर बालोद शहर में इस बारात की चर्चा रही। वहीं दूल्हे ने इस प्रयोग लेकर कहा कि यह हमारी पुरातन संस्कृति है और इसे वापस लाने का प्रयास कर रहे हैं।
शादी बालोद जिले के मालीघोरी निवासी राकेश देशमुख व निर्मला देशमुख की हुई। दोनों एक ही गांव के होने हैं। शादी में राकेश ने बैलगाड़ी में बारात निकालने की योजना बनाई। इसके लिए बैलगाड़ी को बहुत की सुंदर तरीके से सजाया गया।
राकेश की बारात 18 फरवरी को उसके घर से निकली। सुंदर रथ जैसे सजे बैलगाड़ी से बारात निकाली गई। बारात जहां से भी गुजर रही थी वहां लोगों की भीड़ लग जाती थी। लोगों ने राकेश के इस प्रयास की सराहना की। राकेश जब बैलगाड़ी से अपने ससुराल पहुंचे तो उनके ससुराल वालों ने भी उनका भव्य स्वागत किया।
राकेश खेती किसानी करते हैं और इस प्रयोग को लेकर उनका कहना है कि यह हमारी पुरातन परंपरा है। इस खत्म हो रही परंपरा को फिर से देखना चाहता था इसलिए बैलगाड़ी पर बारात निकाली। छत्तीसगढ़ 35 से 40 साल पहले यह परंपरा चलती थी। जो अब कहीं नहीं दिखती।
राकेश ने कहा कि मेरा मकसद है कि यह परंपरा आगे बढ़नी चाहिए। वहीं बारात के साथ शादी में पहुंचे लोगों ने भी इस प्रयोग की सराहना की। लोगों ने कहा कि कार व घोड़ों को देखकर ऊब चुके हैं। बैलगाड़ी बारात देख आंखों को सुकून मिला। आजकल की ट्रेडिशनल शादियों में यह अपने आप में एक अच्छा उद्हारण है।