मुंबई। 94 साल की स्वर कोकिला और भारत रत्न से सम्मानित लता मंगेशकर ने साल 1941 में अपने करियर की शुरुआत की थी। जब वह 13 साल की थीं, तो उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर का साया, उनके सिर से उठ गया था। इसके बाद उन्होंने उसी साल पहली बार गाना रिकॉर्ड किया था। हालांकि, उन्हें पहचान मिली फिल्म महल के गाने ‘आएगा आने वाला’ से।
अब तक लता मंगेशकर ने दुनियाभर की 36 भाषाओं में हजारों गाना गाए हैं। लता मंगेशकर संगीत जगत में 80 साल पूरे कर चुकी हैं। 16 दिसम्बर 1941 को उन्होंने रेडियो के लिए पहली बार स्टूडियो में 2 गीत गाए थे। इसके लिए उन्हें 25 रुपए मिले थे।
इसके बाद घर की जिम्मेदारी को निभाने के लिए उन्होंने फिल्म ‘पहिली मंगलागौर’ से डेब्यू किया। उन्होंने 1942 में मराठी फिल्म ‘किती हसाल’ के लिए गाना गाया था। 18 साल की उम्र में मास्टर गुलाम हैदर ने फिल्म मजबूर के गीत ‘अंग्रेजी छोरा चला गया’ में मुकेश के साथ गाना गया। इसके बाद लता मंगेशकर ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
पिता जिंदा होते तो शायद सिंगर न बनतीं
लता अपने पिता के सामने गाने में डरती थीं। खुद लता जी ने एक इंटरव्यू में कहा कि यदि पिताजी जिंदा होते तो मैं शायद सिंगर नहीं बनती। दीनानाथ मंगेशकर को लंबे समय तक मालूम ही नहीं था कि उनकी बेटी गा भी सकती हैं।
रसोई में मां का हाथ बंटाने आई महिलाओं को जब लता गाना सिखातीं, तो उनकी मां भी उन्हें डांटकर भगा देती थीं। मगर, फिर एक ऐसा समय आया जब हर फिल्ममेकर चाहता था कि लता मंगेशकर का गाना उसकी फिल्म में हो और अभिनेत्री चाहती थी कि लता जी उसकी आवाज बनें।
ये अवार्ड मिले
1969 में पद्म भूषण अवॉर्ड
1990 में दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड
1999 में पद्म विभूषण
2001 में भारत रत्न