इंदौर। माघ मास की गुप्त नवरात्रि चारों नवरात्र में वर्ष के प्रारंभ में प्रथम नवरात्रि है इस वर्ष भी 2 फरवरी को धनिष्ठा नक्षत्र में वरियान योग में शुरू होने जा रही है। देवी आराधना के नौ दिवसीय पर्व काल में यंत्र, मंत्र और वैदिक तंत्र की साधना का विशेष महत्व है।
खास बात यह है कि नवरात्र के नौ दिनों में पांच रवियोग और दो सर्वार्थसिद्धि योग का संयोग बन रहा है। शुभ मांगलिक कार्यों की शुरुआत के लिए यह मुहूर्त श्रेष्ठ फलप्रदान करने वाले माने गए हैं। नवरात्र में वसंत पचंमी और नर्मदा जयंती जैसे महापर्व भी आते है।
इंदौर के ज्योतिषाचार्य पंडित गिरीश व्यास ने बताया कि हर वर्ष में चार नवरात्रियों का आगमन होता हैं। इनमें चैत्र और अश्विन मास की नवरात्र को प्रत्यक्ष नवरात्र कहा जाता है। इन्हें पूरे देश में मनाया जाता है। वहीं, आषाढ़ और माघ मास की नवरात्र को गुप्त नवरात्र से जाना जाता है, जिसमें तंत्र, मंत्र और यंत्र से संबंधित साधना साधकों द्वारा की जाती है। माघ मास में जहां श्रद्धालु कल्प वास करते है वहां भगवती परा अंबा की आराधना भी बड़ी भक्तिभाव से करते है।
इस संसार में पांच रात्रियां उल्लिखित है जिसमें तीन रात्रियों को पूरा मानव मनाता है सप्तशती में कहा गया है कालरात्रि महारात्री मोहरात्री च दारूणा। अर्थात कालरात्रि दीपावली की अमावस्या को कहा जाता है। महारात्री अर्थात शिव की रात्रि शिवरात्रि को कहा जाता है। मोहरात्रि अर्थात् नवरात्रि भगवती की रात्रि को कहा जाता है।
इस बार माघी गुप्त नवरात्र बव करण तथा कुंभ राशि के चंद्रमा के होने पर पड़ रही है। नौ दिवसीय नवरात्र में द्वितीया तिथि का क्षयकाल रहेगा। ज्योतिषाचार्य पंडित गिरीश व्यास ने बताया कि गुप्त नवरात्र में इस बार रवियोग और सर्वार्थसिद्धि योग के रूप में अतिविशिष्ट मुहूर्त बन रहे हैं।
इन मुहूर्तों में नए कार्यों का श्री गणेश करना शुभ होगा। नवीन प्रतिष्ठान का शुभारंभ, औद्योगिक इकाई की स्थापना, भूमि, भवन, वाहन, आभूषण की खरीदी के लिए भी यह दिन विशेष हैं। इन योगों में शुरू किए गए कार्य अथवा खरीदी गई संपत्ति उन्नति के साथ आर्थिक प्रगति प्रदान करती है।