रायपुर। नवा रायपुर में अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसान अब 26 जनवरी को नवा रायपुर में विशाल ट्रैक्टर रैली निकालेंगे। बतादें कि नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति नवा रायपुर के बैनर तले 3 जनवरी को राजधानी प्रभावित ग्रामों के हजारों किसानों व ग्रामीणों ने अपने लंबित मांगों के लिए आंदोलन का शंखनाद किया है।
जो एनआरडीए भवन के सामने ही जारी है। ट्रैक्टर रैली को लेकर गांव गांव में बैठकों का दौर चल रहा है। सोमवार को ग्राम कयाबांधा में बैठक हुई जिसमें पूरे गांव के लोग शामिल हुए।
आंदोलन को इन नेताओं का मिला समर्थन
धरना सभा को संबोधित कर किसान खेत मजदूर संगठन के संयोजक ठाकुर रामगुलाम सिंह, अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के सहसचिव ललित कुमार साहू, ओबीसी संगठन के संयोजक डॉ ईश्वरदान आसिया, अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के सचिव एवं छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संचालक मंडल सदस्य तेजराम विद्रोही, संयुक्त किसान मोर्चा के अनिल दुबे सहित अन्य नेताओं ने संबोधित किया।
इन मांगों को लेकर जारी है किसान कर रहे आंदोलन
नया रायपुर पुनर्वास योजना के अनुसार अर्जित भूमि के अनुपात में उद्यानिकी/ आवासीय/व्यवसायिक भूखंड पात्रतानुसार निःशुल्क मिलने के प्रावधान का पालन किया जाना चाहिए। भू अर्जन कानून 1894 के अंतर्गत हुए अवार्ड में भूस्वामियों को मुआवजा प्राप्त नहीं हुए हैं उन्हें बाजार मूल्य से 4 गुना मुआवजा मिलनी चाहिए।
नवा रायपुर क्षेत्र में ग्रामीण बसाहट का पट्टा मिलना चाहिए। वार्षिकी राशि का पूर्ण रूपेण आबंटन किया जाना चाहिए। पुनर्वास पैकेज 2013 के तहत सभी वयस्कों को 1200 वर्गफीट मिलने वाली भूखंड दिया जाए। साल 2005 से भूमि क्रय विक्रय पर लगे प्रतिबंध को तत्काल हटाया जाए। गुमटी, चबूतरा, दुकान, व्यवसायिक परिसर में दुकान जो आबादी से सटी हुई है जिसे 75 प्रतिशत प्रभावितों को लागत मूल्य पर देने के प्रावधान का पालन किया जाए।
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रूपन चन्द्राकर ने बताया कि मांगों के संबंध में छत्तीसगढ़ की तत्कालीन भाजपा और वर्तमान कांग्रेस सरकार के साथ अब तक 12 दौर की चर्चा हो चुकी है। उसमें किसानों के पक्ष में निर्णय भी लिए जा चुके हैं लेकिन उनका पालन नहीं किया जा रहा है। राज्य सरकार नया रायपुर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) प्रबंधन को जब तक परिपालन नहीं कराया जाएगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा और इसके लिए दिल्ली सीमा के तर्ज पर किसानों द्वारा धरना जारी रहेगा।