लोरमी(मुंगेली)। फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर एक उम्मीदवार जनपद सदस्य के रूप में चुने जाने का मामला सामने आया है। शिकायत के बाद हुई जांच में मामला सही पाया गया है। इस आधार पर आरोपी को अपने पद से वंचित होना पड़ा है।
मामला मुंगेली जिले के लोरमी जनपद पंचायत के क्षेत्र क्रमांक 18 का है। जहां से निर्वाचित जनपद सदस्य रानी भास्कर का जाति प्रमाण पत्र फर्जी निकला है। इसकी पुष्टि मुंगेली कलेक्टर ने की है।
कई बार देखने में आता है कि लोग राजनीति में आने और पद के लिए अनेक तरह के प्रपंच रचते हैं। इसमें कई लोग सफल भी हो जाते हैं। पर जब वास्तविकता सामने आती है तो हाथ आता है केवल बेइज्जति।
ऐसा ही लोरमी जनपद पंचायत क्षेत्र का मामला है। बता दें क्षेत्र क्रमांक 18 से जनपद सदस्य रानी भास्कर ने अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित क्षेत्र क्रमांक 18 जनपद सदस्य चुनाव में जनपद सदस्य निर्वाचित हुई थीं। इधर प्रतिद्वंद्वी ने उसके जाति प्रमाण पत्र को फर्जी होने की शिकायत दर्ज करा दी। शिकायतकर्ता शशिबाई घृतलहरे ने जाति प्रमाणपत्र को फर्जी बताते हुए न्यायालय जिला पीठासीन अधिकारी मुंगेली के समक्ष रानी भास्कर के खिलाफ याचिका लगा दी थी। मामले में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकीले ने कागज प्रस्तुत किया, जिसमें रानी भास्कर पढ़ी-लिखी महिला का जनपद सदस्य के लिए भरे गए आवेदन फार्म में शैक्षणिक योग्यता निरंक बताया गया है।
मामले में प्रमाण के आधार पर आरोप यह है कि निर्वाचित जनपद सदस्य का नाम नगर निगम बिलासपुर के मतदाता सूची में दर्ज है। इसके अलावा गुरु घासीदास शासकीय प्राथमिक शाला जरहाभांठा के दाखिल खारिज पंजी में उनका नाम मुमताज बेगम और पिता का नाम शेख इशाख और माता का नाम पियाजन लिखा हुआ है। प्रमाण के आधार पर मामले की सुनवाई के दौरान निर्वाचित जनपद सदस्य रानी भास्कर जांच में सामने नहीं थी।
इधर कलेक्टर अजीत वसंत ने प्रमाण को आधार मानते हुए सुनवाई करते हुए जनपद पंचायत की नियुक्त सदस्य एवं सहकारिता विभाग की सभापति रानी भास्कर को निलंबित कर दिया। उनके निर्वाचन को शून्य करने का आदेश जारी किया। वहीं अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर काबिज महिला जनपद सदस्य की जाति प्रमाण पत्र जांच में दाखिला पंजी मुस्लिम होने की पुष्टि हुई है।
(TNS)