कानपुर (kanpur)। उत्तर प्रदेश (uttar pradesh) के कानपुर में जीका (zika) का कहर बढ़ता दिख रहा है। स्वास्थ्य विभाग (health Department) ने स्क्रीनिंग (screening) और सैम्पल (sample) लेने का अभियान (campaign) तेज कर दिया है। इससे पहले शनिवार को 13 नए मरीजों में जीका वायरस की पुष्टि हुई थी। रविवार तक संक्रमितों की संख्या 89 हो गई है।
बता दें कि कोरोना संक्रमण के बाद डेंगू और वायरल के फैले प्रकोप अभी पूरी तरह से खत्म भी नहीं हुआ है। इधर जीका वायरस ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। कानपुर में कुल जीका संक्रमितों की संख्या 89 पहुंच गई है।
जानकारी अनुसार उत्तर प्रदेश के कानपुर में जीका का कहर बढ़ते जा रहा है। यहां एक महिला समेत 10 लोगों में जीका वायरस की पुष्टि हुई है। शहर में अब कुल संक्रमितों की संख्या 89 पहुंच गई है। स्वास्थ्य विभाग ने स्क्रीनिंग और सैम्पल लेने का अभियान सघन कर दिया है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कुछ तथ्य
– जीका वायरस डेंगू फैलाने वाले मच्छर एडीज से फैलता है
– गर्भवती महिलाओं के लिए यह अधिक खतरनाक है
– गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क का विकास नहीं होता
– इसकी मृत्यु दर कम बताई जाती है
– पहली बार वर्ष 1952 में यह अफ्रीका के जंगल में एक लंगूर में मिला था
– वर्ष 1954 में इसे विषाणु करार दिया गया
– वर्ष 2007 में एशिया और वर्ष 2021 में केरल और महाराष्ट्र में केस मिले
– 60 फीसदी संक्रमितों में रोग के लक्षण नहीं उभरते
रोग के लक्षण
– हल्का बुखार, शरीर में दाने और लाल चकत्ते, सिर दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, आंखों में लाली, गुलेन बारी सिंड्रोम, न्यूरोपैथी,
बचाव
– खुद को मच्छरों के काटने से बचाएं, शरीर को फुल आस्तीन के कपड़ों से ढंक कर रखें, मच्छरों को घर के आसपास पनपने न दें, गर्भवती महिलाओं को खासतौर पर मच्छरों से बचाएं, घर के टूटे बर्तन, टायर, कूलर में पानी भरा न रहने दें।
(TNS)