रायपुर। मां लक्ष्मी के पूजन का माह अगहन शुरू हो चुका है। उनके पूजन का विशेष दिन गुरुवार होता है। इस बार 25 नवंबर को पहला गुरुवार है और संयोग से इसी दिन साल का अंतिम गुरु पुष्य योग भी बन रहा है। इससे मां लक्ष्मी के पूजन से होने वाले लाभ के साथ ही खरीदारी के लिए भी लाभकारी और फलदायी माना जाता है, इस माह चार गुरुवार पड़ेंगे और 14 नवंबर से खरमास शुरू हो जाने की वजह से 14 जनवरी तक विवाह सहित मांगलिक कार्य बंद हो जाएंगे।
कानपुर के ज्योतिषी पंडित अजय शास्त्री ने बताया कि अगहन माह में गुरुवार को मां लक्ष्मी पूजा के साथ ही शंख पूजा और भगवान कृष्ण के पूजन का भी विशेष महत्व रहता है। इससे सुख-समृद्धि के साथ ही पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इस माह में कई व्रत और त्योहार पड़ते हैं।
उन्होंने बताया कि 27 नवंबर को काल भैरव अष्टमी, 30 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी, दो दिसंबर को प्रदोष व्रत, चार दिसंबर को दर्श अमावस्या, पांच दिसंबर को चंद्रदर्शन, आठ दिसंबर को विवाह पंचमी, 14 दिसंबर को गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी, 16 दिसंबर को प्रदोष व्रत और धनु संक्रांति, 18 दिसंबर को दत्तात्रेय जयंती और 19 दिसंबर को पूर्णिमा के साथ ही अगहन माह का समापन हो जाएगा।
अगहन माह में गुरुवार की पूजा में मां लक्ष्मी का विधि-विधान के साथ पूजन किया जाता है। साथ ही इस दिन कई जगहों पर दीपदान भी किया जाता रहा है। पंडित अजय शास्त्री ने बताया कि बुधवार की शाम 4.29 बजे से पुष्य नक्षत्र लगा था और गुरुवार की शाम 6.48 बजे तक यह लगा रहने की वजह से इसे गुरु पुष्य माना जाएगा। यह अंग्रेजी कैलेंडर वर्ष 2021 का अंतिम गुरु पुष्य है। ऐसे में इस दिन घर में नए सामान के साथ शुभता का भी आगमन होगा।