रायपुर। कोरोनाकाल(corona period) के दौरान निजी स्कूल संचालकों(private school operators) को संस्था संचालन में बड़ी परेशानियों(troubles) का सामना करना पड़ा है। इस वजह से बच्चों की शिक्षा(Education) पर भी प्रभाव(Effect) पड़ा है। स्कूल स्टाफ भी अपने भविष्य(Future) को लेकर चिंतित हैं। ऐसे में शासन व शिक्षा विभाग (government and education department) से राहत देने के लिए निजी स्कूल(school) मैनेजमेंट एसोसिएशन(Management Association) अपनी परेशानियां रख रहा है। बावजूद इस ओर ध्यान नहीं देने पर नाराज स्कूल संचालकों ने मांगों को लेकर सोमवार को दिनभर धरने(picketing) पर बैठे रहे।
प्रदेशभर के निजी स्कूलों के संचालक शामिल
मामले में पूरे प्रदेशभर के निजी स्कूलों के संचालक प्रदर्शन में शामिल हुए। वे छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के बैनर तले 5 सूत्रीय मांगों को लेकर राजधानी रायपुर के बूढ़ातालाब स्थित धरना स्थल पर धरना प्रदर्शन किया।
कोरोनाकाल में स्कूल संचालन में आ रही दिक्कतें
छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने जानकारी दी है कि प्रदेश के प्राइवेट स्कूल अनेक तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं। परेशानियों के निराकरण के लिए कई बार विभाग को ज्ञापन सौंपा गया, पर निराकरण आज तक नहीं किया जा सका है। परेशान स्कूल संचालकों ने अंत में स्कूलों को बंद करना ही उचित समझा।
आरटीई की प्रतिपूर्ति राशि अब तक स्कूलों को नहीं मिल पाई
एसोसिएशन के दुर्ग जिला सह सचिव जेपी घनघोरकर ने मामले में कहा है आरटीई की प्रतिपूर्ति की राशि अब तक स्कूलों को नहीं मिल पाई है। उन्होंने बताया जबकि केंद्र से 24 अगस्त को 106 करोड़ रुपए राज्य शासन के खाते में जारी की जा चुकी है। यदि यह राशि निजी स्कूलों को वितरित हो जाए तो स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों की स्थिति संभाली जा सकती है। अध्ययनरत निर्धन बच्चों को नवीन गणवेश व पाठ्य सामग्री मिल सकती है, जिससे ये बच्चे अपना अध्ययन सुचारू रूप से कर सकेंगे।
पूरे प्रदेश में 1000 स्कूल बंद होने के कगार पर
एसोसिएशन के अनुसार पूरे प्रदेश में लगभग एक हजार से अधिक स्कूल बंद हो चुके हैं। भविष्य को लेकर चिंतित स्कूल संचालकों ने अपनी मांगों को लेकर सोमवार को स्कूल बंद कर रायपुर में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन में भागीदारी दी। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मांग पूरी नहीं होने पर चेतावनी दी है। कहा है कि दिवाली से पहले हम असहयोग आंदोलन करेंगे।
एसोसिएशन की ये हैं मांगें
छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने मांग की है कि आरटीई की प्रतिपूर्ति राशि जल्द से जल्दभुगतान की जाए। स्कूल बसों का संचालन बंद रहा है इसलिए सभी स्कूल बसों का रोड टैक्स माफ़ किया जाए। मान्यता और नवीनीकरण के नियमों पर संशोधन किया जाए। आरटीई के तहत प्रवेेशित विद्यार्थियों को स्कूल शिक्षा विभाग गणेश और पुस्तक वास्तविक दर पर उपलब्ध कराए। कोरोना काल में हुए निरीक्षण में अशासकीय स्कूलों को प्रतिरक्षा दी जाए।
(TNS)